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11.12.09

लो क सं घ र्ष !: यमराज को भी मिलेगा नोबेल शान्ति पुरस्कार

'शान्ति के लिए युद्ध' के नारे के साथ अमेरीकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने दुनिया का बहुचर्चित नोबेल शान्ति पुरस्कार प्राप्त कियाव्हाईट हाउस के प्रवक्ता रोबेर्ट गिब्स ने बताया कि "श्री ओबामा युद्ध के नायक के रूप में नोबेल शान्ति पुरस्कार प्राप्त किया है" । नोबेल शान्ति पुरस्कार ने साम्राज्यवादी देशों के मुखिया को शान्ति पुरस्कार देकर नोबेल समिति ने अपने को भी सम्मानित किया है और अपना नकली मुखौटा उतार दिया है । आने वाले दिनों में नोबेल शान्ति पुरस्कार यमराज को भी दिया जा सकता है और इस पर किसी को आश्चर्य नही होना चाहिएअफगानिस्तान में शान्ति के लिए 30 हजार सैनिक भेजे जा रहे हैंईराक में भी प्रतिदिन उनके शोषण के ख़िलाफ़ युद्ध जारी हैपकिस्तान में ओबामा के तालिबानी लड़ाके पाकिस्तानी सरकार शान्ति का पाठ अपने नागरिको को पढ़ा रही हैशान्ति का अर्थ अमेरिकन साम्राज्यवादियों उसकी पिट्ठू मीडिया ने बदल दिया है
संयुक्त राष्ट्र संघ साम्राज्यवादियों के हितों की पूर्ति के लिए विश्व संगठन है उसी तरह नोबेल पुरस्कार समिति साम्राज्यवादियों के हितों की रक्षा के लिए लोगों को सम्मानित पुरस्कृत किया करती हैनोबेल पुरस्कार अधिकांश विवादित होते हैं और साम्राज्यवादी शक्तियां उनका इस्तेमाल अपने हितों के लिए करती रहती हैं
इजारेदार ओद्योगिक घरानों द्वारा स्थापित सरकारें उन्ही के हितों के लिए कार्य करती हैं आज दुनिया में भूंख प्यास से लेकर प्रत्येक चीज पर इनका कब्ज़ा हो चुका हैहवा पानी से लेकर सभी प्राकृतिक सोत्रों को भी इन लोगों ने बरबाद कर दिया हैमुनाफा इनका धर्म है, नरसंहार इनका अस्त्र हैसारे नागरिकों को गुलाम बनाना इनका मुख्य उद्देश्य हैअपने उद्देश्य के लिए ये ताकतें सम्पूर्ण मानवता को भी नष्ट कर देंगीइनका लोकतंत्र, स्वतंत्रता, न्याय, शान्ति में विश्वाश नही हैये शब्द इनके लिए मानवता को ध्वंश करने के औज़ार हैं

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

3 comments:

Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " said...

पोर-पोर पीङा भरी, रोम-रोम में आग.
सुमन चला संघर्ष पर, भूला शान्ति-राग.
भूला शान्ति राग, नोबल पर उतरा गुस्सा.
याद आये यमराज, है इतना भारी गुस्सा.
सुन साधक क्यों रक्त जलाये बिना जोर के.
कमजोरी लायेगा तेरे पोर-पोर में

Creative Manch said...

बदलते समय के साथ हर चीज की परिभाषाएं भी बदल जाती हैं मित्र ! शान्ति के लिए भी कभी हिंसा और युद्ध अनिवार्य होता है !

शुभकामनायें

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क्रियेटिव मंच
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Unknown said...

urjasvit aalekh.......

bahut khoob !