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8.3.10

महिला आरक्षण किस आधार पर सही ?

आजकल देश में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर हो हल्ला चल रह हैं | देश की दो प्रमुख पार्टी इसको पारित करवाने पे तूली है | सबसे बड़ी बात है की इस विधेयक के पास हो जाने से क्या सहीं में महिलओं को उचित प्रतिनिधित्व मिल सकेगा | देश वैसे भी इस आरक्षण के कारण बहुत पीछे जा चूका है | और अब महिला आरक्षण मेरे हिसाब तो सही यह है की कम से कम देश की सर्वोच्च राजनीतिक संस्था को तो इससे दूर रखा जाए | मेरा मानना है की इन सब जगहों पर आरक्षण से नहीं वरन अपने दम पर लोगों को आना चाहिए | वैसे भी देश में जहाँ भी आरक्षण की किरण पहुंची है उस जगह की क्या हालत है यह किसी से छुपा नहीं है | महिलओं को बहुत जगह आरक्षण दिया गया है राजनीती में लेकिन वहां पर काबिज पुरुष ही है | ऐसे आरक्षण से फायदा ही क्या ? बिहार में पंचायतो में महिलओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया है लेकिन कुछ को छोड़कर क्या स्थिति है यह देखने लायक बात है | अगर देश को इसी तरह आरक्षण के दम पर आगे बढ़ाने की बात होती रही तो बड़ी ख़राब बात है | मेरे हिसाब से आरक्षण तो देना ही नहीं चाहिए अगर आपमें काबिलियत है तो खुद व खुद आप उपर आ सकतें है | राजनीती में सिर्फ फायदा ही नहीं देखना चाहिए बल्कि देश हित की बात सोचना चाहिए नहीं तो देश का बेडागर्क है | कुछ लोग अपना हित साधने के लिए देश को कहाँ ले जा रहें है यह सोचनीय विषय है | आम लोगों की राय इस विषय पर जो भी हो पर सही मायनों में ऐसा नहीं होना चाहिए |

2 comments:

पी.एस .भाकुनी said...

main aapke vicharon se puanth sahmat hun . lekh ke kiye dhanyvad..

dr amit jain said...

आरक्षण के भूत को अब बोतल में बंद कर देना होगा , वर्ना कल को क्या पता सरकार बच्चो के जनम लेने पर भी कन्या के जनम का आरक्षण कर दे , की आप का पहला बच्चा कन्या ही होनी चाहिए