Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

14.3.10

नशा उतर गया

बेवफा बता
बद दुआ
देता है वो,
और मैं
उसके लिए
मंदिर मंदिर
धोक खाता रहा।
-----
बिन बुलाये
वक्त बेवक्त
चला आता था,
अब तो
मुड़कर भी ना देखा
मैं आवाज लगाता रहा।
----
एक सुरूर था
दिलो दिमाग पर
अपना है वो,
देखा जो
गैर के संग
तो नशा उतर गया।

No comments: