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6.7.10

मेरा अमेरिका-मेरा भारत: मेरी नैनीताल से नैनी यात्रा

मैं कभी अमेरिका नहीं गया, पर अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों के वतन वापसी के कई रोचक प्रसंग कहानियों अथवा फिल्मों के माध्यम से पढ़े-सुने हैं। यूं जीवन में मैंने कई यात्राऐं की हैं, किन्तु जिस हालिया यात्रा को मैं अपने जीवन की सबसे रोचक यात्रा मान सकता हूं वह महज 150 किमी के भीतर की होते हुए भी मेरे लिऐ अमेरिका से भारत की सी है, और इस यात्रा से मुझे कमोबेश कुछ उसी तरह की अनुभूति हुई है, जैसी शायद प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से भारत आकर होती होगी। यह 'यात्रा छोटी बिलायत' यानी उत्तराखंड के कुमाऊं मण्डल व अपने ही नाम के जिले के मुख्यालय नैनीताल से अल्मोड़ा जनपद में जागेश्वर से आगे एक दूरस्थ पड़ाव नैनी (चौगर्खा) की है। यह दोनों स्थान मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। नैनीताल मेरी कर्मभूमि है, तो नैनी की मिट्टी में मेरा बचपन बीता है। नैनीताल और नैनी में नाम की समानता के साथ और भी बहुत कुछ एक सा है, तो अन्य मामलों में अमेरिका व भारत जैसी वृहद असमानताऐं भी हैं.......।
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