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3.10.10

अगर हुआ है तो आगे भी होगा…………..!


कहते है जो पूर्वजों ने कहा है वो सत्य ही है क्योंकि उन्होंने भी तो कुछ भी ऐसे कहा नहीं है जिस चीज पर भी कुछ कहा है बकायदा उस पर आजमाया भी होगा प्रेक्टिकल भी किया होगा तभी तो आज वैसी हो रही बातों को देखा जा रहा है और यह देख कर आज लगता है की उन्होंने अपने अनुभव के अन्दर से ऐसी कीमती सुझावों को निकाल कर हमारे बिच सफल बनाने के लिए छोड़ा है………….और आज भी हमेशा बड़े-बूढों से कुछ न कुछ शिख के रूप में सुनने को जरूर मिलता ही है उन्हों के द्वारा ही कहा गया है और जो काफी प्रचलित भी है-”एकता में शक्ति”………जी हाँ एकता में शक्ति अपने आप में एक मजबूत और सफलता का प्रतीक वाक्य है और यह वाक्य हमेशा से कुछ न कुछ जीवंत उदहारण हमारे बिच पेश करता रहा है इसी के साथ यहाँ यह भी जिक्र करना जरूरी होगा की-एक ऊँगली सिर्फ एक ऊँगली ही होती है लेकिन पांच उंगिलयां एक मुठी…………………….यानि कुल मिला कर एकता हर चीज पर भरी पड सकती है बस जीतने के लिए एकता की मुठी की आवश्यकता होती है यह एक ऐसा हथियार है जिसेक आगे दुनिया की हर ताकतवर चीज वो चाहें कुछ भी हो नतमस्तक होने पर मजबूर हो जाती है……………..जी हाँ ऐसा हमेशा से होता रहा है और अगर ऐसा हमेशा से होता रहा है तो यह भी विश्वास और उम्मीद के साथ यहाँ मानना ही पड़ेगा की आगे भी होगा ! आज जिस तरह एक बार फिर भारत(जिसकी कई दशको पहले घोषणा की गयी थी अनेकता में एकता,व सभी धर्मो को मानाने वाला भारत)की जनता ने इस वाक्य को जीवंत रखते व करते हुए अयोध्या जैसे गंभीर मशले को एक चीटी से भी छोटा और साधारण मसला बनाते हुए अनेकों मुहों ने एक साथ चुप्पी को धारण करते हुए जो एकता का मिशाल दुनिया के सामने रखा है………………….उसने एक चीज तो स्पष्ट ही कर दिया है की हम अनेकों घरों से होते हुए भी कल भी एक थे,आज भी एक हैं,और कल भी एक ही रहेंगे, चाहें रिश्ता छोटा हो या फिर बड़ा,भगवान का हो या फिर जमीं का, धर्म का हो या फिर खून का हम हमेशा एक हैं………….जी हाँ यह एक कडा सन्देश है पुरे विश्व के लिए और साथ ही साथ उन अराजक तत्वों के लिए भी जो हमेशा से भारत में अशांति को जन्म देने के फ़िराक में रहते है,विशेष तौर पर कश्मीर(जो भारत का एक प्रमुख अंग है) में उन अशांति के जन्म दाताओं के लिए तो एक सबक का रूप है यह एकता,यह कही न कहीं उनको सोचने पर मजबूर कर देगी,और उनको सोचना भी चाहिए! उन अशांति के पुजारियों को आज अपने आँखों को खोल कर देख लेने की जरुरत है जो हमेशा हिन्दू मुसलमान को अलग अलग करके अपने जहर को इनके जेहन में घोलने के फ़िराक में लगे रहते हैं………………….यह एकता उस विश्व की उन घिनौनी शक्तियों के आगे भी भारी पड़ेगा जो हमेशा इसमें धर्म की गन्दी राजनीत करा कर इस पर हाबी होने के फ़िराक में रहते है……………..जी हाँ…..समय बदल चुका है समय बदल चुका है………यह वाक्य हमेशा से सुनने को मिला है आखिर समय कैसे बदला यह कह पाना तो मुश्किल है लेकिन कैसे बदला है इसके छोटे छोटे उदहारण भी लोंगो द्वारा हमेशा से पेश किया और दिखाया जाता रहा है लेकिन आज का यह दर्शाया हुआ एकता समय के बदलने का एक जबरदस्त उदहारण है समय कैसे बदला,इसने कितना समय लिया बदलने में…………आज इस पर ध्यान देने की बजाय इस बदले समय का स्वागत करने के साथ अपनाने की बेहद जरुरत है,आज हर भारत वाशी के पास एक अच्छा सुअवसर है इस बदले हुए समय में उज्वल भारत के तश्बीर को देखने की……………….यह एकता उस भारत के तस्बीर को भी दिखाती है जिसको बनाने के लिए हमारे महान योधाओं ने अपने अमूल्य जान को अपनी माँ रूपी धरती के नाम करते हुए बनाई थी उनका हमेशा से यह सपना था की एक ऐसे भारत का निर्माण हो जिसमे अनेको तरह के लोग अनेकों घरों में रहते हुए भी एक परिवार स्वरूप रहें ,अनेकों धर्म तो हों लेकिन उनका मकशाद सिर्फ एक हो शांति और अमन,अनेकों बोलियाँ तो हों लेकिन उसका मकसद सिर्फ एक हो सम्मान,………………….जी हाँ आज की इस एकता ने कहीं न कहीं उनके आत्मा को शांति देने में कामयाब हुई होगी,आज उनकी पुन्य आत्मा धन्य धन्य हो गयी होगी! आज इसको देख कर येह्शाश होता है की उनके सपनो के भारत का निर्माण हो चुका है………….यहाँ पर एक फिल्म जिसका जिक्र किये बिना उसके एक फेमश डायलोग को याद करना शायद महत्वपूर्ण ही होगा जिसमे कह गया है की-काबिल बनो कामयाबी तो कदम चूमेगी-जी हाँ बिलकुल आज अनेको उंचाईयों को छू रहे इस भारत को सिर्फ इसी की जरुरत है और ऐसी एकता एक कामयाबी का हिस्सा कही जा सकती है…………….जय भारत!

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