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9.10.10

पथरीली होती धरती

राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़

कांक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं और धरती की हरियाली लगातार कम हो रही है। पेड़ कट रहे हैं, जंगल घाट रहे हैं। ऐसे में नुक्सान इन जंगलों में रहने वाले पशु-पक्षियों को ही नहीं, इंसान को भी है। कहीं ऐसा ना हो की एक दिन हमें पेड़ लगाने के लिए मिटटी युक्त जमीन ही नसीब ना हो और पत्थर पर पेड़ उगाने पड़ें। इस तस्वीर पर एक नजर।


1 comment:

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

sahi kaha... hame kankreet ke jangal bo diye hai.hariyala jangal ab kahi kankreet par apna ghar naa dhundhey..