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15.10.10

दिल चाहता हे

दिल चाहता है...............
आज मौसम है बड़ा सुहाना ,
दिल चाहता है कुछ ऐसा करना ,
पंछी बन आसमान मे उड़ जाना ,
या ,तितली बन फूलों पर मंडराना ,
कभी हवा का झौका बनकर ,
चुपके से तुमको छूकर आना ,
ओस की कोमल बूंद बनकर,
किसी पट्टी ,किसी शाखा पर तहर जाना ,
क्यारी मे खिले फूलों की तरह ,
हवा के साथ-साथ लहराना ,
दिल चाहता है कुछ ऐसा करना ,
आज मौसम है बड़ा सुहाना ,
आज मौसम है बड़ा सुहाना ,
संगीता मोदी "शमा"

2 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

achhe tazagi wale bhav ukere hain....

Dr Om Prakash Pandey said...

bada hi najakat bhara saundrya bodh hai aap mein.