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16.10.10

अलसी सेवन करने वालों के अनुभव पाठकों के विशेष आग्रह पर प्रेषित

अनिता कुमारी (सी.ए .)
ए- 34 परेड़ ग्राउन्ड के पास सिकन्दराबाद


आदरणीय,

श्री सम्पादक महोदय,
निरोगधाम (इन्दौर),


सप्रेम प्रणाम,


मैंने निरोगधाम पत्रिका में अलसी का लेख पढ़ा जो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मेरी उम्र 36 वर्ष है। मुझे गर्भाशय में फायब्रॉयड की शिकायत थी, जिसके कारण पीरियड के पहले मुझे कमर में काफी दर्द रहता था। मुझे काफी सारी समस्याऐं थी। सर्जन ने मुझे ऑपरेशन की सलाह दी थी। फिर मैंने हमारे फैमिली डॉक्टर से बात की। उन्होंने मुझे रोज 40 ग्राम अलसी और 30 एम.एल. अलसी का तेल दही के साथ मिलाकर लेने की सलाह दी। मैं अलसी का सेवन करीब चार माह से कर रही हूँ। इससे मुझे चमत्कारिक लाभ हुआ है। मेरी सारी तकलीफें बिल्कुल ठीक हो गयी है। अब नोरमल पीरियड्स 4-5 दिन तक रहते हैं। और मैं बहुत ऊर्जावान महसूस कर रही हूँ। मेरे मुहांसे भी ठीक हो गये हैं। मैं चाहूँगी कि सभी लोग अलसी का सेवन करें क्योंकि यह एक अच्छी चीज़ है जो हर प्रकार की बीमारी में लाभदायक है। और मैं अन्त में आशा करती हूँ कि मेरे अनुभवों को सभी व्यक्ति जानें और अलसी से सभी लाभान्वित हो। इसी के साथ आप को फिर सादर प्रणाम।

मिसेज अन्जु गुप्ता भोपाल


मान्यवर,


श्री सम्पादक महोदय (निरोग धाम),


श्री सम्पादक महोदय जी को मेरा सादर नमन और निरोगधाम के लिए नये वर्ष की ढेर सारी शुभकामनायें। मैंने निरोगधाम में अलसी का लेख पढ़ा जो मुझे काफी पसंद आया। मैंने अलसी का प्रयोग शुरू कर दिया। मुझे इसके बारे में पहले भी किसी ने बताया था। मुझे कब्ज़ी और आथ्राईटिस की शिकायत कई वर्षों से थी। जिसके कारण मैं बहुत परेशान रहती थी। अब 4 महीनों से मैं अलसी का सेवन कर रही हूँ। मेरी कब्ज़ी और आथ्राईटीज़ ठीक हो गयी है। अब मुझे गोलियाँ नहीं खानी पड़ती है। मेरे बाल भी झड़नें बन्द हो गये हैं। रंग गोरा हो गया है। अब मैं पहले से ज्यादा युवा महसूस करती हूँ और मुझमें काफी कमजोरी थी जो अब खत्म हो गई है। अलसी बहुत ही शक्ति देने वाली चीज़ है। मेरा कहना है कि अलसी को खाना अनिवार्य हो जाना चाहिए क्योंकि इसमें काफी शक्तिशाली तत्व मौजूद हैं। अन्त में फिर आपको नव वर्ष की बधाई देती हूँ और आशा करती हूँ कि आप मेरे इस पत्र को आप निरोगधाम में शामिल करेंगे।

राजलक्ष्मी उम्र 45 वर्ष


मेरे गर्भाशय में कैंसर था, जिसके लिए मैंने सर्जरी और रेडियोथेरेपी उपचार लिया था। रेडियोथेरेपी से मेरी हड्डियों में दर्द रहने लगा था, कमजोरी रहती थी, मेरा वजन भी बढ़ कर 126 कि.ग्रा. हो गया था। 6 महिनें पहले मैं कोटा गई थी वहां किसी ने मुझे डॉ. ओ.पी. वर्मा से मिलने की सलाह दी। मैंने तुरन्त रात को 10 बजे फोन किया, वे हॉस्पिटल में नाइट ड्युटी कर रहे थे। मैं तभी उनसे मिलने के लिए गयी उन्होंने मुझे कैंसररोधी बुडविज उपचार के बारे में बताया। तभी से मैं अलसी के तेल व अलसी बुडविज डाइट के आधार पर सात महिनें से ले रही हूँ। कुछ ही हफ्तों में ही मेरी हड्डियों का दर्द जाता रहा। मेरी थकावट खत्म हो गयी है। मुझमें ताकत आ गयी है। और मैं रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का काम करने लगी हूँ। इस दौरान मेरा वजन 126 कि.ग्रा. से घटकर 91 कि. ग्रा. हो गया है। मैं उनकी आजीवन कृतघ्न रहूँगी। मैंने निरोग धाम में भी डॉ. ओ.पी. वर्मा का लेख पढ़ा है। मैं आपको पत्र लिख रही हूँ और चाहती हूँ कि मेरे अनुभवों से दूसरे लोग भी फायदा उठाये।



डॉ. योहाना के उपचार से ठीक हुए कुछ रोगियों का विवरण-

(1) घाटकोपर, मुम्बई की मंजुला बेन उम्र 75 वर्ष की 6 माह पूर्व कमर में दर्द होने के कारण एम.आर.आई. करवाई गई। तब पता चला की उनके फेफड़ों में भी पानी भर गया है। अतः उनकी सम्पूर्ण जांच की गई व पता चला की उनके फेफड़ों में कैंसर हो गया है। उनके फेफड़ों में से पानी निकाला गया। उन्हें रेडियोथेरेपी की 30 डोज दी गई। कीमोथेरेपी लेने से उन्होंने मना कर दिया। लेकिन उन्हें किसी उपचार से कोई फायदा नहीं हुआ। डाक्टर ने उन्हें कहा कि आप मुश्किल से 5-6 महीने जी पायेंगी। तब किसी मित्र ने उन्हें यॉहाना के उपचार के बारे में बताया। उन्होंने डॉ. यॉहाना का उपचार तुरंत शुरू किया जिसे वे आज तक ले रही हैं। वे स्वस्थ है व अपने कार्य स्वयं करती है। कल ही मेरी उनसे बात हुई है।

(2) कांदीवली, मुम्बई के निवासी श्री धीरू भाई बोहरा उम्र 89 वर्ष को 7 साल पहले हर्निया के आपरेशन के लिए हुई जांच से पता चला कि उनके पेट में प्लाजा सिस्टोमा नामक खतरनाक कैंसर की गांठ है। हर्निया के आपरेशन के साथ उनके पेट की गांठ भी निकाली गई। रेडियोथेरेपी भी दी गई लेकिन दो महिनें बाद उनके कंधे में एक गांठ फिर हो गई। डाक्टरों ने उन्हें बताया कि उन्हें जो प्लाजा सिस्टोमा नामक कैंसर था वह मल्टीपल माइलोमा नामक कैंसर में परिवर्तित हो गया है। और उन्हें कीमोथेरेपी भी दी गई। परंतु कीमोथेरेपी से उनके दिल में खराबी आ गई जिस कारण कीमोथेरेपी बंद करनी पड़ी। फिर उनके एक डॉक्टर मित्र ने यॉहाना के उपचार लेने की सलाह दी। योहाना के उपचार से उनकी बीमारी ठीक होती चली गयी। वे आज पूर्ण स्वस्थ है व रोज अपनी फैक्टरी जाते हैं। परसों मेरी उनसे बात हुई तब वे अपनी फैक्टरी में ही अपना काम देख रहे थे।

धीरज शर्मा, काशीपुर उत्तराखण्ड

आदरणीय संपादक जी,
निरोग धाम (इन्दौर)

साल भर पहले मुझे एड्स हो गयी थी। जिसके लिये मैंने एलौपेथी उपचार लेना शुरू कर दिया था। कुछ ही हफ्तों में एड्स की दवाइयों ने अपने दुष्प्रभाव दिखाने शुरू कर दिये जिसके कारण मुझे पीलिया हो गया और मेरी प्लेटलेट्स भी बहुत कम हो गयी थी। तभी मेरी पत्नी ने निरोगधाम में अलसी का लेख पढ़ा और उससे प्रभावित होकर उसके लेखक डॉ. ओ.पी. वर्मा जी से बात की, उन्होंने रोग मुझे 30 ग्राम और 30 मि.ली. अलसी का तेल दही में मिलाकर लेने को कहा। अलसी से मुझे बहुत ज्यादा फायदा हुआ, मुझे लगा जैसे मुझमें नयी ऊर्जा का प्रवाह हो गया है और 4 महिने में ही मेरा CD4 Count 210 से बढ़कर 538 हो गया जो काफी सुरक्षित माना जाता है।

क्षमा करे गोपनियता रखने के उद्देश्य से मैंने अपना नाम बदल दिया है।



अनिल पाल जयपुर, (राजस्थान)

मेरी पत्नी को 30 वर्ष से मायोपिया की तकलीफ थी और वह नियमित चश्मा पहनती थी। उसे हमेशा जुखाम रहता था। पिछले वर्ष निरोगधाम में अलसी का लेख पढ़ने के बाद हम सभी ने अलसी खाना शुरू किया। मेरी पत्नी को अलसी खाने से चमत्कारीक लाभ हुआ। छः महिने बाद उसका चश्मा पूरी तरह उतर गया था और उसका बरसों पुराना जुखाम भी पूरी तरह ठीक हो गया।

मनोरमा महबूबानी दिल्ली

मेरी 20 वर्षीय पुत्री पूजा को पिछले डेढ़ साल से ल्यूपस नैफ्राइटिस जैसा गम्भीर रोग हो गया था। मैंने निरोगधाम में अलसी का लेख पढ़कर डॉ. ओ.पी.वर्मा जी से बात की थी, उन्होंने उसे 30 ग्राम अलसी और 40 ग्राम अलसी का तेल दही में मिलाकर लेने की सलाह दी। 1 जनवरी, 2010 से मैंने पूजा को अलसी देना शुरू किया था और एलोपैथी दवाइयां देना भी बन्द कर दिया था। उसे बहुत ज्यादा फायदा हुआ है। मैं उसका रेगुलर टेस्ट और चेकअप करवाती हूं, डाक्टर्स भी हैरान है कि उसे बहुत ही ज्यादा लाभ हुआ है हालांकि वे ये समझते है कि ये सब लाभ एलोपैथी दवाईयों से हुए हैं। जबकी मैंने एलोपैथी दवाईयाँ 10 महिने पहले ही बन्द कर दी थी। क्षमा करे गोपनीयता रखने के उद्देश्य से मैंने अपना और अपनी बेटी का नाम बदल दिया है।

सुरेश सक्सेना बनारस उम्र 44 वर्ष

मैं कुछ वर्षों से मल्टीपल स्क्लिरोसिस जैसे खतरनाक रोग से पीड़ित हूँ। ठीक से चल नहीं पाता हूँ , काम नहीं कर पाता हूँ, पिछले वर्ष मेरी पत्नी भारती ने निरोग धाम में अलसी का लेख पढ़ा और डॉ. ओ.पी. वर्मा से बात की। उनकी सलाह के अनुसार मैं तब से नियमित अलसी का सेवन कर रहा हूँ। मुझे अलसी से इतना ज्यादा फायदा हुआ है कि मेरी पत्नी ने डॉ. वर्मा को फोन करके बताया था, “डॉ. साहब जब से मैं मेरे पति को आपकी अलसी देना सुरू किया है, मुझे बहुत फायदा हुआ है। और आपसे क्या कहें ऐसा लगता है जैसे मुर्दे में नई जान आ गयी हो।

कमलेश कुमार कोटा, (राजस्थान)

श्रीमान मैं बचपन से ही बहुत कमजोर और काफी दुबला पतला था। पिछले वर्ष निरोगधाम पत्रिका में डॉ. ओ.पी.वर्मा का अलसी पर एक लेख छपा था। इसको मैंने पढ़ा, इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के बारे में भी बताया है, जो शरीर के लिये काफी महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में बताये अनुसार मैंने भी अलसी खाना शुरू कर दिया। फिर मैंने डॉ. ओ.पी.वर्मा का के अन्य लेख भी पढ़े। उनमें अलसी के तेल को दही के साथ लेने की सलाह दी गई थी। मैंने भी उस तरीके से तेल लेना शुरू कर दिया। फिर कुछ दिन बाद ही मेरे शरीर में काफी परिवर्तन होने लगे जैसे शारीरिक थकान दूर हो जाना, चेहरे के सारे मुहांसे और उनके निशान गायब हो जाना। मेरा रंग गोरा हुआ है। त्वचा, नाखुन, बाल चमकीले हो गये हैं। मेरे कार्य क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। सभी मिलने वाले मुझे टोकने लगे हैं कि मैं आजकल कौन सी चक्की का आटा खा रहा हूं, मैं जवाब में एक ही शब्द बोलता हूं अलसी बस अलसी इसके अलावा कुछ नहीं। अलसी ने मेरे जीवन को बदल कर रख दिया है। यह वास्तव में एक दैविक भोजन है। जैसे कोई देवता इच्छा की वस्तु देता है वैसे अलसी मां भी इच्छित शारीरिक शक्ति प्रदान करती है। और हमेशा निरोगी और सुखी जीवन प्रदान करती है। और अन्त में मैं निरोगधाम पत्रिका को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने ऐसा अच्छी जानकारी भरा लेख पत्रिका में छापा है। जिससे मेरी सारी परेशानियों का समाधान हो गया है।




R.S.Bhatnagar
Kota (Raj.)
09413352114
Dear Members,


I am 68 years old and retired teacher. I am using 30 ml Flaxseed oil with 100 ml curd, fruits and dry fruits daily since 2 months. I got following benefits.
1- I am full of energy.
2- My acidity & dyspepsia is completely cured.
3- I am more active.
4- I am loosing my excess weight.
5- I have good appetite now.
6- Very Positive impact on my BP.
7- Better physical relations with my wife.

एक महिला ने मुझे अपने अनुभव बताये


मेरा नाम शकुंतला पॉल उम्र 78 वर्ष है, मैं जयपुर में रहती हूँ। मैं 7-8 महीनों से फ्लेक्स ओमेगा ले रही हूँ, जो जैविक अलसी से बनता है। मुझे अलसी से सचमुच चमत्कारी लाभ मिला है, मैं पहले से काफी युवा, ऊर्जावान, ताकतवर महसूस कर रही हूँ। मेरी त्वचा नम व मुलायम हो गयी है और इसमें खिंचाव भी आ गया है। एकाग्रता बढ़ी है और ज्यादा अच्छी तरह ध्यान लगा पाती हूँ। मेरी गर्दन में जकड़न रहती थी, मेरे सारे जोड़ दर्द करते थे जो अब ठीक है। मैं रक्तचाप और थायरॉयड की पुरानी रोगी हूँ और ज़िंदगी भर दवाईयां लेती रही हूँ, 2-3 महीनें पहले मेरे डॉ. ने बी.पी. की दवाईयां बन्द कर दी हैं और थायरॉयड की गोलियां भी डेढ़ कर दी है जबकि मैं पहले 4-5 गोलियां लेती थी। मेरे पूरे शरीर में गाँठे थी जो अब छोटी हो गयी हैं। पिछले 20 साल से हर वर्ष पूरी सर्दी मुझे खांसी रहा करती थी, लेकिन पिछली सर्दी में मुझे कोई खांसी नहीं हुई। अब सांस लम्बा ले पाती हूँ, जो पहले नहीं ले पाती थी। पहले मैं दिन भर सोती रहती थी, अब दिन भर कुछ न कुछ काम करती रहती हूँ। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे माथे के दोनों ओर के बाल उड़ गये थे अब सफेद और काले दोनों रंग के नये बाल आ रहें हैं। अलसी मैया की जय हो।



श्री सुरेश ताम्रकर, वरिष्ट पत्रकार, नई दुनिया, इन्दौर द्वारा भेजा हुआ ई-पत्र

अलसी की महिमा सचमुच गज़ब है। मेरे एक सहयोगी की पत्नी मधुमेह से पीड़ित है, उसकी रक्त शर्करा 300 से ऊपर चली गई थी।  मैंने उसे अलसी लेने की सलाह दी और एक सप्ताह में ही उसकी रक्त शर्करा घटकर 165 आ गई। इन्दौर में मेडीकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. भंडारी का युवा भतीजा डिप्रेशन और उच्च रक्त चाप से पीड़ित था उसे भी मैंने अलसी लेने की सलाह दी। और उसका बी.पी. सामान्य हो गया उसका आत्मविश्वास भी बढ़ गया। जय हो अलसी, जय हो डॉ.वर्मा जी की।
सुरेश ताम्रकर,
वरिष्ट पत्रकार, नई दुनिया, इन्दौर।  


Dr. O.P.Verma

M.B.B.S.,M.R.S.H.(London)
President, Flax Awareness Society
7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota(Raj.)
Visit me at http://flaxindia.blogspot.com/
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+919460816360

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