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14.10.10

जो जितना बड़ा हैं उस पर उतना बडा़ थू

ऐसा क्या हो गया जिस पर पूरे जिले में बवाल मच गया हैं। एक समारोह हुआ जैसे कई होते हैं। उस समारोह के मुख्य अतिथि विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह थे। समारोह था केन्द्रीय भू तल परिवहन मन्त्रालय के अंर्तगत बनने वाली फोर लेन, जिसका काम दो साल से रुका पड़ा हैं,के जिला मुख्यालय सहित कुछ कस्बों के बाय पास बन जाने से जर्जर हो चुके पुराने मार्ग के सतही नवीनीकरण का। याने इन स्थानों के बड़े बड़े गïे़े भरना और सतह का नवीनीकरण करना।

कार्यक्रम क्या हुआ कि राजनीति के क्षेत्र में श्रेय लेने की ओछी राजनीति का खेल शुरू हो गया। समारोह के मुख्य अतिथि हरवंश सिंह ने श्रेय लिया कि यह काम कमलनाथ ने उनके पत्र के आधार पर किया हैं। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस श्रेय लेने की झूठी राजनीति कर रही हैं। जिला कार्यसमिति के सदस्य भोजराज मदने की उच्च न्यायालय में लगायी गई याचिका के कारण यह राशि केन्द्र ने मंजूर की हैं। फोर लेन बचाने के लिये गठित गैर राजनैतिक जनमंच ने कहा कि उनके सदस्य भोजराज मदने की याचिका के कारण यह राशि मिली हैं।

फोर लेन मामले के सुप्रीम कोर्ट में जाने और अटकने को लेकर कांग्रेस वैसे ही कटघरे में खड़ी हैं। कोर्ट में भू तल परिवहन मन्त्रालय और वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय एक राय नहीं दे पा रहे हैं। यदि जिले के कांग्रेस के नेतृत्व में इतना दम हैं तो इस मामले में भी पत्र लिखकर मामले को सुलझवादे तो सारी जनता उन्हें सर आंखों पर बैठाने के लिये तैयार बैठी हैं। यही कारण हैं कि राहुल गांधी के सिवनी दौरे में पूरे समय फोर लेन का मामला ही छाया रहा जिसे सुलझाने के लिये वे कुछ ही दिनों पहले जिले की जनता को आश्वस्त करके गये हैं। लेकिन ऐसे चौचलों से तो कांग्रेस की भद्द ही पिट रही हैं।

अब सवाल उठता हैं भाजपा का। श्रेय लेने में वो पीछे नहीं हैं। अब भोजराज मदने उसे अपने कार्यकत्ताZ दिखने लगे हैं जबकि कुछ ही महीनों पहले जिला भाजपा ने उन्हें अनुशासनहीनता के लिये नोटिस थमाया था। जिसके जवाब पर भाजपा अभी तक कोई निर्णय नहीं कर पायी हैं। भाजपा में गुटबन्दी ऐसी हावी हैं कि उसने अपने ही नपा अध्यक्ष का उल्लेख करना जरूरी नहीं समझा जो कि एक प्रतिनिधि मंड़ल के साथ कमलनाथ से दिल्ली में मिले थे और शहर के अन्दर के रोड़ आदि का प्राकल्लन सौंप कर आये थे और राशि स्वीकृत करने की मांग की थी। जबकि कमलनाथ ने अपने हरवंश सिंह को लिखे पत्र में यह उल्लेख किया हैं कि अन्य जन प्रतिनिधियों ने भी उनसे यह मांग की थी। आज भी एन.एच.ए.आई. की फाइल में फोर लेन के काम रुकने को कोई आधार हैं तो वह हैं जिला कलेक्टर का वह पत्र जिसमें उन्होंने पेड़ कटाई की दी गई अनुमति निरस्त कर दी थी। भाजपा आपनी प्रदेश सरकार से आज तक यह पत्र निरस्त नहीं करा पायी हैं। उनका तर्क हैं कि यदि यह पत्र निरस्त भी हो जायेगा तो काम शुरू नहीं हो पायेगा क्योंकि फाइल केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मन्त्री के यहां अनुमति के लिये लंबित हैं। तो क्या यह मान लिया जाये कि नाम में राम जुड़े रहने के कारण भाजपा जयराम रमेश पर मेहरबान हैं।

श्रेय लेने की होड़ में जनमंच का भी आना सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक हैं। यह बात सही हैं कि श्री मदने जनमंच के ना केवल एक आधार स्तंभ हें वरन कोषाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने जबलपुर नागपुर रोड़ की जर्जर हालत को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की हैं और मांग की हैं कि इसे सरकार तत्काल सुधारे। उनकी याचिका पर सुनवायी अभी जारी हैं। पक्षकारों को नोटिस भी कोर्ट ने जारी कर दिये हैं। ऐसे में फेसला आने पर जब कोर्ट यदि मांग किये गये पूरे मार्ग को सुधारने के निर्देश सरकार को देती तो कुछ कहना ठीक था। क्योंकि जन मंच तो फोर लेन बचाने के लिये नागरिकों द्वारा गठित एक गैर दलीय और गैर राजनैतिक मंच हैं जिसे श्रेय लेने की तो जरूरत ही नहीं हैं क्योंकि पूरी जनता यह जानती हें कि आज यदि फोर लेन बचने की संभावना जो पुर्नजीवित हुयी हैं वह जनमंच के कारण ही हुयी हैं।

जहां तक आवागमन में असुविधा का सवाल हैं तो यह बात जरूर हैं कि सिवनी से जबलपुर या नागपुर जाना दूभर हो गया हैं। यह पूरा का पूरा मार्ग पहले एन.एच. 7 कहलाता था। लेकिन इस रोड का लखनादौन से नागपुर तक का हिस्सा नार्थ साउथ कॉरीडोर में चला गया हैं जिसमे फोर लेन निर्माण का कार्य एन.एच.ए.आई. करा रही हैं तथा लखनादौन से जबलपुर तक का मार्ग नेशनल हाई वे तहत हैं। दोनों ही भूतल परिवहन मन्त्रालय के अंर्तगत आते हैं। कोई भी सूरमा यदि इस पूरी सड़क के गïे भराने के लिये ही कमलनाथ से पैसे ले आते तो नागरिक खुद ही सिर पर साफा पहना कर और एक बोथरी तलवार देकर उनका नागरिक अभिनन्दन कर देते। लेंकिन क्या कहा जाये इस श्रेय लेने की राजनीति का?जब लोगों ने हरवंश सिंह पर यह आरोप लगाना शुरू किया कि वे खुद इस छोटे से कार्य की शुरूआत कराने के लिये दवाब बना रहें हैं तो हरवंश सिंह ने खुद कमलनाथ का वह पत्र प्रेस कांफें्रस में बांट दिया जिसमे उन्होंने लिखा था कि हरवंश सिंह जाकर काम की शुरुआत करें।

इस काम के हो जाने से यदि जन सुविधा की बात देखी जाये तो सिवनी से नागपुर या जबलपुर जाने वाले किसी भी यात्री को गïे में गाड़ी कूदने से लगने वाले एक भी दचके में कमी नहीं आयेगी। क्योंकि जहां जहां ये काम होना हैं वहां के बाय पास मार्ग शुरू हो चुके हैं। जिनका उपयोग लोग कर रहें हैं। हां शहर और उन गांवाके कुछ लोगों को जरूर यह सुविधा मिलेगी कि वे अपने पुराने मार्ग पर भी कुछ दिनों तक सतही नवीनीकरण होने के कारण अच्छे से चल सकेंगें।

अब ऐसे छोटे छोटे कामों के लिये भी बड़ों बड़ों में भी ऐसी श्रेय लेने की राजनैतिक होड़ लग जाये तो इसे बस यही कह सकते हैं कि जो जितना बड़ा हैं उस पर उतना बडा़ थू।

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