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8.10.10

कुंभलकर से लेकर राहुल तक ने नज़र अन्दाज किया हरवंश को?

सिवनी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी का दौरा हरवंश सिंह की गांधी परिवार में पैठ के बारे में बहुत कुछ कह गया हैं। राष्ट्रीय युवा इंका द्वारा लखनादौन कार्यक्रम के लिये नियुक्त प्रभारी नितिन कुंभलकर ने बुलाने पर बैठक में आने से मना कर दिया। राहुल के लखनादौन कार्यक्रम के दौरान हरवंश सिंह को रेस्ट हाउस में समय काटना पड़ा। वन विद्यालय में छिपा कर रखे गये सेवादल के कार्यकत्ताZओं को रजनीश के सामने बेइज्जत करके निकाला गया और वे बेचारे राहुल को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दे पाये। कई सालों बाद सिर्कट हाउस के बाहर के बन्द गेट पर हरवंश को खड़ा रहना पड़ गया। जिला इंका प्रवक्ता हरवंश सिंह की भाट गिरी छोड़कर कांग्रेस की सेवा करें तो राहुल गांधी के प्रवास के बाद कांग्रेस मजबूत हो सकती हैं वरना नतीजा वही ढ़ाक के तीन पात सरीखा ही निकलेगा।

कई बार अपमानित हुये हरवंश

जिले के कांग्रेस के महाबली माने जाने वाले नेता हरवंश सिंह ने यह मायाजाल फैला रखा था कि गांधी परिवार में उनकी किचिन तक पहुंच हैं। इसके प्रमाण में अक्सर वे इस बात की दुहाई देते थे कि जिले के कई नेताओं ने प्रमाण सहित उनकी शिकायतें की फिर भी इसी कारण कोई भी उनका बाल तक बांका नहीं कर पाया। जिले में कांग्रेस लगातार रसातल में जाती रही लेकिन किसी ने भी महाबली से कुछ नहीं पूछा।लेकिन राहुल गांधी के जिले के इस दौरे ने इस माया जाल को तहस नहस कर दिया हैं। राहुल के दो दिवसीय प्रवास में कई ऐसे अवसर आये जब उन्हें अपमानित होना पड़ा वरना अभी तक तो वे ही अपने विरोधी कांग्रेस नेताओं को अपमानित करते रहें हैं।

बुलाने पर भी नहीं आये कुंभलकर

चैन्नई से लौटते ही हरवंश सिंह ने यह दिखाने के प्रयास प्रारंभ कर दिये थे कि राहुल गांधी के सारे कार्यक्रम का भार उनके ही कंधों पर हैं। लेकिन राहुल का यह दौरा युवक कांग्रेस के चुनाव को लेकर था जिसे वे अपने ही तरीके से आयोजित कराते हैं। युवा इंका ने नितिन कुंभलकर को लखनादौन कार्यक्रम का प्रभारी बनाया था। जिस दिन जिले के कांग्रेसियो की बैठक हरवंश ने लखनादौन में रखी उसी दिन से ग्रहण लगना शुरू हो गया था। उनके बुलाने और राजा बघेल के अनुरोध के बाद भी श्री कुंभलकर ने बैठक में आने से इंकार कर दिया और यह खबर भेज दी कि वे उन्हें प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही कार्यक्रम करेंगें।

राहुल के साथ कार्यक्रम में जा नहीं पाये हरवंश

लखनादौन हेलीपेड पर काफी समय इन्तजार कर बमुश्किल एस.पी.जी. द्वारा प्रवेश दिये जाने के बाद हरवंश सिंह फिर यह हिम्मत नहीं जुटा पाये कि वन विद्यालय में हो रहे राहुल गांधी के कार्यक्रम में प्रवेश पाने की कोशिश करें। हेलीपेड से लौट कर वे सीधे रेस्ट हाउस पहुचें और वहीं उन्होंने लगभग दो घंटे का समय का काटा। जितनी देर राहुल गांधी युवकों से मिलते रहे उतनी देर 35 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी नेता को प्रवेश नहीं दिया गया। इस दौरान उनके चेहरे पर दिख रहा खिंचाव उनकी दास्तान खुद ही कह रहा था।

अनधिकृत प्रवेश :बेइज्जती से निकाले गये सेवादल कार्यकत्ताZ

पिछले दो दिनों से हरवंश सिंह इस बात के प्रयास में लगे थे कि सेवादल प्रमुख उनके पुत्र रजनीश सिंह के नेतृत्व में राहुल गांधी को सेवादल से गार्ड आफ आनर दिलाया जाये जैसा कि मन्त्री रहते हुये उन्होंने सिवनी और मंड़ला में सोनिया गांधी को दिलवाया था। उसी की एलबम आाज तक नेताओं को दिखायी जाती हैं। वैसे 2003 के विस चुनाव के पहले लगे सेवादल के शिवरों के बाद रजनीश के नेतृत्व कांग्रेस सेवा दल ने कांग्रेस की कोई सेवा नहीं की हैं सिवाय गार्ड आफ देने के। बताया जाता हैं कि हरवंश सिंह ने स्थानीय प्रशासनिक अमले से भी इस बाबद मदद की गुहार लगायी थी लेकिन उन्होंने भी एस.पी.जी. की बात कह कर मामले को टाल दिया था। फिर भी इस बात की दाद देनी पड़ेगी कि सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुये तीस चालीस सेवादल के कार्यकत्ताZओं को यूनीफार्म में एक गोदाम में छिपा कर रख दिया गया था। जैसे ही एस.पी.जी. को इस बात का पता लगा कि कुछ अनधिकृत लोग परिसर में हैं तो उन्हें कालर पकड़ कर बाहर निकाला गया और रजनीश सिंह को उन्हें बाहर छोड़कर आने की नसीहत बहुत सख्ती के साथ दी गई। इससे मायूस होकर दूसरे दिन राहुल को भी वही गार्ड आफ आनर देने वाले एलबम को दिखाने का प्रयास किया गया जिसमें उन्होंने कोई रुचि नही दिखायी।

सिर्कट हाउस के गेट के बाहर खड़े रहे हरवंश

कई सालों से सिर्कट हाउस में गार्ड आफ आनर लेने के आदी हो चुके हरवंश सिंह ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें सिर्कट हाउस के बाहर वाले बन्द गेट पर खड़े रहकर इन्तजार करना पड़ेगा। गांधी परिवार के राजनैतिक उत्तराधिकारी राहुल गांधी के कार्यक्रम में उन्हें यह दिन भी देखना पड़ गया। दूसरे दिन सुबह जब हरवंशसिंह के आग्रह पर प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी की पहल पर जिला इंका का प्रतिनिधि मंड़ल राहुल से मिलने वाला था तब श्री सिंह को बाहर इन्तजार करना पड़ा। कांग्रेस के इस पन्द्रह सदस्यीय डेलीगेशन में वैसे तो पप्पू खुराना,,प्रसन्न मालू,संजय भारद्वाज और जकी अनवर को शामिल कर लिया गया था लेकिन हरंवश सिंह ने इस डेलीगेशन में वरिष्ठ इंका नेता आशुतोष वर्मा का नाम नहीं जुड़ने दिया। जिले की प्रमुख समस्या फोर लेन के सम्बंध में हरवंश सिंह ने राहुल गांधी को विस्तार से जानकारी दी कि क्यों यह काम अटका पड़ा हैं।

भाटगिरी के बजाय कांग्रेस हित देखें प्रवक्ता

इतना सब कुछ सबके द्वारा देखने के बाद भी जिला इंका प्रवक्ता ओमप्रकाश तिवारी द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में हरवंश सिंह को महिमा मंड़ित किये जाने की तो दाद ही देना पड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने इस कार्यक्रम के प्रभारी के रूप में जबलपुर के इंका नेता आलोक मिश्रा को भेजा था जो कि तीन दिन तक सिवनी में रहे। पचौरी के निर्देश पर उन्होंने सभी में समन्वय बनाने का प्रयास किया। इसके बाद भी सब कुछ के लिये हरवंश सिंह को श्रेय देना और समन्वय बनाने के प्रदेश अध्यक्ष पचौरी और आलोक मिश्रा के प्रयासों का उल्लेख तक ना करना भाटगिरी नहीं तो भला और क्या कही जा सकती हैं?बेंहतर होगा कि प्रवक्ता यह सब करने के बजाय कांग्रेस के गुणगान गायें तो राहुल के दौरे का कुछ लाभ भी जिले में मिल सकता हैं वरना नतीजा वही ढ़ाक के तीन पात ही निकलेगा।

दैनिक यशोन्नति सिवनी

8 अक्टूबर 2010

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