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7.2.11

प्रार्थना - गीत


प्रार्थना - गीत

प्रभु कृपा हम दफ्तर में कछु घुस-पात पा जाई
वह़ि के बल पर रोज उड़ाई रबड़ी, दुध, मलाई { 2 }

साल बीतिगा पढ़ि ना पावा इम्तिहान सर आई
हनूमान जी पुरजी भेज्यो अव्वल नम्बर पाई { 2 }

अपने किहे न कुछ ह्वै पावा बाप ने ब्याह कराई
ऊ बड़भागी मोर बहुरिया बहु दहेज लै आई {2 }

बंदउँ -----
अपने किहे न कुछ ह्वै पावा बाप ने ब्याह कराई
ऊ बड़भागी मोर बहुरिया बहु दहेज लै आई { 2}

मेहरारु के डर से कतहूँ ताकि-झाँकि ना पाई
प्रभु की माया टीवी रानी सगरौ देत दिखाई
बंदउँ चरन कमल सुखदाई {2 }


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