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21.5.11

हिंदुओं को किससे खतरा ! मुसलमानों से या अपने भीतर से !

danger to hindus from muslims or from within themselves ?हिंदू को खतरा मुसल्मानूं से या हिंदुओं से

हिंदुओं को खतरा मुसलमानों से या अपने अंदर की मूर्खता से !


यह नीचे लिखा लेख हिंदुओं को मुसलमानों की बढ़ती आबादी से खतरे के बारे में है.

मगर मेरा यहाँ कहना है कि मुसलमानों में कितने आतंकवादी होंगें.

वे कितना नुक्सान कर पाएंगे .

मगर, ये जो नेता और I A S की फ़ौज हिंदुओं व देश का नुक्सान कर रही है , वह तो मुसलमानों के नुक्सान के आगे नगण्य है.

आप क्या कहते हैं.

दूसरा सबसे बार नुक्सान उस जनता से है जो नाम से , पैदाइश से , तो हिंदू है , पर न तो वो हिंदू हैं . न मुसलमान , वे केवल हिंदुइ़त के नाम पर कलंक हैं.

न तो वो हिंदू के हैं , न देश के.

वे अपनी खुद की हवस के लिए , हिंदुओं को , अपने देश को , अपने जमीर को ( जो है ही नहीं ) बेचे हुए हैं.

ये कलमाड़ी , राजा , करूणानिधि , उसी प्रकार के जैचंद व हिंदू हैं.

इसका इलाज यह है कि यदि कुछ बुद्धिजीवी हिंदू संत या नेता बचे हों तो वे हिंदुओं को वास्तविक हिंदू बनाने का अभियान युद्ध स्तर पर छेरें .

और इन हिंदुओं से मुसलमानों को डरने की जरूरत न होगी. क्योंकि उनका विश्वास अपने असली धर्म , में , भगवान में, श्री गीता जी में होगा .

जो कहती है कि अन्याय, अत्याचार नहीं सहेंगे , मगर हर जीव में भगवान को देखेंगे. (गीता अध्याय ५ श्लोक १८ :

विद्याविनयसंपन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि।
शुनि चैव श्वपाके च पण्डिताः समदर्शिनः॥५- १८॥

ज्ञानमंद व्यक्ति एक विद्या विनय संपन्न ब्राह्मण को, गाय को, हाथी को, कुत्ते को
और एक नीच व्यक्ति को, इन सभी को समान दृष्टि से देखता है।

आप क्या कहते हैं, मैं कितना गलत हूं !

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