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18.6.11

एक नज़र इधर भी....................


पिछले कुछ महीनों से सोशल नेटवर्किंग साइट्स का आर्मी व सी. आर. पी. एफ. के जवानों में क्रेज बढ़ता जा है। वे अति उत्साह के साथ इन साइट्स पर सक्रिय हैं। यदि इन जवानों का प्रोफाइल व फोटोज देखें तो यह सक्रियता एक चिन्ता का विषय बन जाती है। इनके प्रोफाइल व स्क्रेप्स का अध्ययन कर बहुत ही सरलता से इनकी महत्वाकांक्षा के स्तर को परखा जा सकता है। आत्मप्रदर्शन की चाह में कुछ जवानों ने तो आर्मी में प्रयोग किये जाने वाले हथियारों, विभिन्न मुद्राओं व वेशभूषाओं में स्वंय की, स्थानीय क्षेत्रों व यहां तक की बंकरस की फोटो भी अपलोड की हुई हैं। ये जवान नियमित रूप से सोशल नेटवर्किंग साइट्स का प्रयोग कर रहे हैं।
वास्तव में देखा जाये तो देश की सुरक्षा से जुड़े ये व्यक्ति व क्षेत्र गोपनीयता की सीमा के भीतर होने चाहिए। इनकी पहचान सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार अति उत्साह व दिखावे की भावनाओं के वशीभूत होकर ये जवान आतंकियों को अपने मानसिक स्तर व शक्तियों की पहचान व परख करने का खुला न्यौता दे रहे हैं। इनकी बढ़ती सामाजिकता का पूर्ण लाभ आतंकियों को मिलेगा। वे इनसे सम्पर्क कर इन्हें बहला-फुसला सकते हैं। साइट्स पर सक्रिय कुछ जवान चैटिंग के भी बहुत शौकीन हैं। इनके ये मिजाज न केवल इनकी व इनके साथियों की अपितु सम्पूर्ण देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि आर्मी वालों को मनोरंजन का अधिकार नहीं है परन्तु यदि यह मनोरंजन देश की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह आरोपित करने लगे तो सचेतता आवश्यक हो जाती है।

2 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

चिंतनीय विषय......

Neeraj Tomer said...

u r ryt mam. need to stop such fools (sry to use dis wrd. but i tried dat n wid litz of effort i cd compel dem to remove dos pics)