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29.7.11

बर्तनों पर लगी हिन्दू और मुसलमान की मोहर और बालिका अमृता ! भाग 1

''भारतीय नारी '' ब्लॉग पर आज  प्रस्तुत आलेख -अशोक कुमार शुक्ल जी द्वारा प्रस्तुत किया गया है -

अमृता  प्रीतम का जन्म 1919 में पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के लाहौर शहर में हुआ । इनके माता पिता पंचखंड भसोड़ के स्कूल में पढाते थे। इनका बचपन अपनी नानी के घर बीता जो रूढिवादी विचारधारा की महिला थी। अमृता बचपन से ही रूढियों के विरूद्व खडी होने वाली बालिका थीं ।
बचपन में अमृता ने देखा कि उनकी नानी की रसोई में कुछ बरतन और तीन गिलास अन्य बरतनों से अलग रखे रहते थे परिवार में सामान्यतः उन बर्तनों का उपयोग नहीं होता था । अमृता के पिता के मुसलमान दोस्तों के आने पर ही उन्हें उपयोग में लाया जाता था। बालिका अमृता ने अपनी नानी से जिद करते हुये उन गिलासों में ही पानी पीने की जिद की''

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1 comment:

Shalini kaushik said...

ye sthiti to aaj bhi bharat ke gaon med dekhne ko mil jayegi.achchha aalekh badhai shandar prastuti ke liye