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2.10.11

गांधी विचार का हश्र


गांधी विचार का हश्र 

गांधी विचार और जीवन मूल्यों को दरकिनार कर हमारे नेता जिस तरह के भारत का निर्माण कर रहे हैं 
उस निर्माण का कुप्रभाव पुरे देश में साफ झलकता है .देखिये कुछ बानगीयाँ-

१. गांधी ने अहिंसा का पाठ सिखाया हमने  उसको इस तरह से कंठस्थ किया कि आतंकियों ,हत्यारों और 
गुनाहगारो को भी फांसी कि जगह सम्मान सहित रिहा करने कि कोशिश दम ख़म से कर रहे हैं .संसद के 
मंदिर को ध्वस्त करने वाले हो चाहे प्रधानमन्त्री के हत्यारे सब गुनाहगारो पर रहमदिली दिखा रहे हैं .

२.गांधी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य के लिए देशप्रेमियो का संगठन खडा किया और लक्ष्य प्राप्ति के बाद 
  उस संगठन को समाप्त करने को कहा हमने उस संगठन के पवित्र नाम को सत्ता प्राप्ति का साधन बना
 लिया.

३.गांधी ने अपरिग्रह को अपनाया हमने इस सिद्धांत को गरीबी में जी रहे करोडो भारतीयों से अमल 
करने को मजबूर कर दिया और हम  खुद हर मीटिंग से पहले कपडे और जूते बदलने लग गये.हमारा 
यह आडम्बर जनता के धन पर फलने फूलने लगा .

४.गांधी ने छुआछुत को मिटाने का सपना संझोया और हमने आरक्षण के बहाने करोडो भारतीयों को 
  अनुसूचित जाती,अनुसूचित जन जाती और अल्पसंख्यक कहकर अपने से अलग कर दिया .

५.गांधी ने शांति का मन्त्र दिया और हमने देश कि सीमाओं का अतिक्रमण करने वाले देशो के साथ 
  इस मन्त्र  का कुप्रयोग करना शुरू कर दिया .

६.गांधी ने क्षमा को वीरता का भूषण माना और हमने देश के गद्दारों को निजी पुत्र -पुत्रियों कि जान 
बचाने के लिए कायरता के साथ क्षमा कर दिया .

७.गांधी ने करोडो भारतीयों को भूख से बेहाल देख कर उपवास का व्रत लिया और हमने सत्ता प्राप्ति 
   का जरिया बना लिया .

८.गांधी ने लाठी को अहिंसा के पर्याय के रूप में अपने साथ रखा और दोनों के सदुपयोग से फिरंगियों 
   को भगाया और हमने लाठी को समय समय पर देशद्रोहियों कि जगह देशवासियों पर बरसाया .

९.गांधी ने ग्राम स्वराज्य का सपना बुना और हमने गावों को अमीरों से सेज के नाम पर लुटवाया,
   जमीन अधिग्रहण के नाम पर हथियाया .

१०.गांधी ने लघु और ग्रामो उद्योग का सपना बुना और हमने देश को बड़े उद्योगपतियों के हवाले कर 
   दिया और देश के नवरत्नों को निजी हाथों में बेचा तथा ग्रामीण प्रजा के हाथ के दीपक को बुझाया .

११.गांधी ने उच्च विचारों से पाप को बढ़ने से रोका और हमने राजघाट को ही अपने पापो को ढकने 
का स्थल बना लिया .

१२.गांधी ने सादे जीवन को अपनाया और हमने उस सादगी को तिहाड़ भिजवाया .

१३.गांधी ने शाब्दिक हिंसा को मधुर वाणी से रोका और हमने कटु शब्दों का आचरण करके अपने 
    घमंड को पोसा .मर्यादाहीन बनकर सुर्खिया बटोरी .

१४.गांधी ने भ्रष्ट आचरण से परहेज किया हमने आचरण से परहेज किया भ्रष्ट को गले लगाया .

१५.गांधी ने नमक आन्दोलन से कानून को सविनय अंगुठा दिखाया और हमने ऐसे जन आन्दोलन 
   को रातोरात बर्बरता से तोडा और अंगूठा दिखाने वालों को घेरा .

१६.गांधी ने हर भारतीय के लिए शिक्षा का विचार रखा और हमने शिक्षा को आम भारतीय की पहुँच 
    से दूर किया और निजी हाथों में बेचा .

१६.गांधी ने रामराज्य को सार्वभोमिक बनाया हमने राम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया और उसके 
आदर्श को,उसके अस्तित्व को साम्प्रदायिक ठहरा दिया .

१७.गांधी ने खुद को सत्ता और माया से दूर रखा और हमने गांधी के नाम को सत्ता के लिए भुनाया .

१८. गांधी ने ईस्ट इण्डिया को भारत से बाहर का रास्ता दिखाया और स्व निर्माण को आगे बढ़ाया 
   और हमने भारतीयों को(पेप्सी कोला) विदेशी लुटेरी कंपनियों के हाथो  से लुटवाया.

१९. गांधी ने विदेशी कपड़ो से होली मनाई और हमने विदेशी कपड़ो से दिवाली सजाई .

२०.गांधी ने हर धर्म को सम्मान दिया और हमने वोट के नजरिये से धर्म को आंका और उस पेड़ के 
तने पर वार किया जिस पर सभी पंथ फलते फूलते हैं .

२१.गांधी को हमने नोट पर सझाया ,चौराहों पर बिठाया मगर गांधी विचार को सालो से तडफाया.

    .......बापू तुझको करता है भारतीय नमन ,तेरे विचारों का करते रहे हम ............!  
             

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