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6.10.11

मुझे सत्य का ज्ञान हो गया है...अब माफ़ करना दोस्तों

जिंदगी से लड़ते लड़ते थकने लगा हु , जहा भी जाता हूँ हर जगह मुझे न जाने क्यों कमीने टाइप के लोग ही मिलते है
सोचता हूँ कि शायद कोई कमी मुझमे ही होगी पर जब आज मैंने थोडा वक्त निकालकर गहराई से सोचा तो पाया कि
जो कमी मुझमे है वो हर इंसान में होती है , और हर वो इंसान जो आज सफल है उसने वो अपनी इस कमी को दूर
कर चूका है , मै न जाने अभी तक ये बात नहीं समझ पाया कि मै हर किसी के साथ इमानदारी से पेश आता हूँ चाहे वो
हरामी टाइप का हो या कोई कमीना , और इसी कि वजह से लोग मुझे पनपने नहीं दे रहे है पर आज से मै अपनी वो
कमी दूर करने जा रहा हूँ , आब मै भी वाही करूँगा जो कि मेरे बाकि के काबिल भाई कर रहे है , आब या तो मेरा भी
कुछ नाम होगा या कुछ दीनो बाद गाँव जाकर खेती बाड़ी करूँगा ............... मुझे सत्य का ज्ञान हो गया है |

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