कहाँ तुम चले गए ?सुबह से आँख में नमी सी है
कहाँ तुम चले गए ? तुम थे तो
किसी को देखकर ख्याल आता था "जिंदगी धुप तुम घना साया"
जब सामने कोई आ जाता था तो ना जानिए क्या हो जाता था
और हजारों ख्वाहिशें थी जिन पर दम निकल जाता था
तुम थे तो कागज़ की कश्ती भी प्यारी प्यारी लगती थी
और परदेश में रहकर भी देश के चाँद से यारी रहती थी
उनके आने की खबर महकने से खुशबुओं से घर महकता था
और झुकी झुकी सी नजर बेक़रार हुआ करती थी
तुम थे तो पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल जानता था हमारा
और हर शाम किसी के आने की खबर मेहका करती थी
हम सोचा करते थे "तेरे बारे में जब सोचा नहीं था तो मैं तनहा था मगर इतना नहीं था"
और तमन्ना फिर मचल जाए अगर वो मिलने आ जाए....
cont.....
कहाँ तुम चले गए ?सुबह से आँख में नमी सी है
कहाँ तुम चले गए ? तुम थे तो
किसी को देखकर ख्याल आता था "जिंदगी धुप तुम घना साया"
जब सामने कोई आ जाता था तो ना जानिए क्या हो जाता था
और हजारों ख्वाहिशें थी जिन पर दम निकल जाता था
तुम थे तो कागज़ की कश्ती भी प्यारी प्यारी लगती थी
और परदेश में रहकर भी देश के चाँद से यारी रहती थी
उनके आने की खबर महकने से खुशबुओं से घर महकता था
और झुकी झुकी सी नजर बेक़रार हुआ करती थी
तुम थे तो पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल जानता था हमारा
और हर शाम किसी के आने की खबर मेहका करती थी
हम सोचा करते थे "तेरे बारे में जब सोचा नहीं था तो मैं तनहा था मगर इतना नहीं था"
और तमन्ना फिर मचल जाए अगर वो मिलने आ जाए....
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कहाँ तुम चले गए ?सुबह से आँख में नमी सी है
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