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24.11.11

सरहद पर हमें जाना है !


सरहद पर हमें जाना है !



सरहद पर हमें जाना है 
दुश्मन   ने   ललकारा    है 
मत  रोक हमें अब माता  .....मत  रोक  
मुश्किल अब   रुक पाना   है .





आग  लगी है प्राणों में 
फड़क रही हैं  भुजाएं 
भारत माँ ! के जयकारे से 
गूंजेंगी चारो दिशाएं 


दुश्मन को धूल चाटना है 
अपना वचन निभाना है 
मत  रोक हमें अब बहना....मत रोक 
मुश्किल अब रुक पाना है . 

शातिर है दुश्मन हमारा 
चलता वो टेढ़ी चाल है 
आज उस कायर का 
बनना हमको काल है 


उसको काट गिराना है 
झूठा अभिमान मिटाना है 
मत रोक हमें अब दुल्हन ...मत रोक 
मुश्किल अब रुक पाना है .

कितनी कोख उजाड़ी हैं ?
कितने छीने हैं भाई ?
सूनी करी कितनी मांगें ?
खुशियों में सेंध लगाई है 


सबका सबक सिखाना है 
सैनिक धर्म निभाना है 
मत रोक हमें अब बेटी .....मत रोक 
मुश्किल अब रुक पाना है .


                               जय हिंद !
                             शिखा कौशिक 
                       [विख्यात ]
[सभी फोटो गूगल से साभार ]

2 comments:

Mirchi Namak said...

" जयहिन्द " " नमन इन वीरों का "

Shikha Kaushik said...

dhanyvad mirchi namak ji .JAI HIND !