125 करोड़ की आबादी और करदाता 2 फीसदी ही क्यों ?
करदाता कम होने के कारण:-----
कर के स्लेब कम आय पर शुरू हो जाते हैं.
कर के स्लेब पर कर की कटौती का प्रतिशत बहुत ज्यादा है .
कर भरने की प्रक्रिया जटिल है.
कर भरने में भूल रह जाने पर भारी दंड का विधान है .
अलग-अलग धाराओं के तहत कर में मिलने वाली छुट से आम जनता अनजान है.
क्या यह संभव है :------
अलग-अलग धाराओ के तहत मिलने वाली छुट को समाप्त करके पांच लाख तक की आय
कर मुक्त हो .
पांच से सात लाख की आय पर २% आय कर हो .
सात से दस लाख की आय पर ५% आय कर हो .
दस से पंद्रह लाख की आय पर १०% आय कर हो .
पन्द्रह लाख से ऊपर की आय पर १५% आय कर हो.
एक करोड़ के टर्नओवर तक लेखा बहियों रख पाने में असमर्थ व्यवसायी को कुल बिक्री
की राशी पर १०% आय गणना कर टेक्स चुकाने की सहूलियत हो .
यदि ऐसा संभव होता है तो करदाता बढ़ जायेंगे .काला धन अंकुश में आ जाएगा .कम पढ़ा
लिखा व्यक्ति स्वयं अपने टेक्स की रकम की गणना कर टेक्स भर पायेगा .सरकार की कर आय
में वृद्धि हो जायेगी .
करदाता कम होने के कारण:-----
कर के स्लेब कम आय पर शुरू हो जाते हैं.
कर के स्लेब पर कर की कटौती का प्रतिशत बहुत ज्यादा है .
कर भरने की प्रक्रिया जटिल है.
कर भरने में भूल रह जाने पर भारी दंड का विधान है .
अलग-अलग धाराओं के तहत कर में मिलने वाली छुट से आम जनता अनजान है.
क्या यह संभव है :------
अलग-अलग धाराओ के तहत मिलने वाली छुट को समाप्त करके पांच लाख तक की आय
कर मुक्त हो .
पांच से सात लाख की आय पर २% आय कर हो .
सात से दस लाख की आय पर ५% आय कर हो .
दस से पंद्रह लाख की आय पर १०% आय कर हो .
पन्द्रह लाख से ऊपर की आय पर १५% आय कर हो.
एक करोड़ के टर्नओवर तक लेखा बहियों रख पाने में असमर्थ व्यवसायी को कुल बिक्री
की राशी पर १०% आय गणना कर टेक्स चुकाने की सहूलियत हो .
यदि ऐसा संभव होता है तो करदाता बढ़ जायेंगे .काला धन अंकुश में आ जाएगा .कम पढ़ा
लिखा व्यक्ति स्वयं अपने टेक्स की रकम की गणना कर टेक्स भर पायेगा .सरकार की कर आय
में वृद्धि हो जायेगी .
2 comments:
bahut achchhi post prastut ki hai aapne .yadi ye upay apnay jaye to nishchit roop se kardata badhengen .HARDIK SHUBHKAMNAYEN .YE HAI MISSION LONDON OLYMPIC
टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद .कोई भी सरकार ऐसा करने से बचेगी क्योंकि अगर काला धन
ही कम हो जाए तो भ्रष्ट अधिकारी और भ्रष्ट नेता की आय भी कम हो जायेगी यदि राजनीती ही
भ्रष्टाचार से मुक्त हो गयी तो नेतागिरी के धंधे में कौन आयेगा और क्यों आयेगा ?देश में कोई
काम अगर बिना नेता के हो रहा है तो इसका मतलब वहां नेक दिल आदमी काम कर रहे हैं
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