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29.4.12

Aziz Qureshi ji governor bane




कांग्रेस की दमदारी के पुराने दिन लौटेंगे

सीहोर। कांग्रेस की स्थानीय राजनीति में यह साल नए संकेत लेकर आ रहा है, जिससे आम कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ गया है। सीहोर इछावर से 1970 में विधायक और मप्र शासन में मंत्री रहे साथ ही 1984 में सतना के सांसद रहे जनाब अजीज कुरैशी के उत्तराखंड राज्यपाल बनने से कांग्रेसजनों में खासा जोश है।
राजनीति के राज आमतौर पर लोगों को समझ नहीं आते, लेकिन कांग्रेस की राजनीति की बात आती है तो ऐसी उलझन और गुटबाजी की धुन नजर आती है, जिससे कई कार्यकर्ता भी परेशान हो जाते हैं, लेकिन अब यह साल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए लगातार सुखद संदेश ला रहा है, जिससे समीकरण बदलने का दौर लगातार जारी है।
क्या हैं हालात?
एक समय था जब जिले की राजनीति में कांग्रेस मतलब जीत का सबब माना जाता था, लेकिन बीते एक दशक में यहां की राजनीति में कुछ ऐसा घटा जिससे हासिए पर आ गई और कुछ प्रछन्न घातियों के कारण कमलछाप कांगे्रसियों की पूछ-परख बढ़ती चली गई, जिसके कारण पार्टी कार्यकर्ता दुखी हो गए और नतीजा भुगता। कांग्रेस पार्टी ने जो जिले में सिर्फ जयंती औ पुण्यतिथि मनाने तक सीमित रह गई। पार्टी ने भाजपा सरकार के खिलाफ एक भी बड़ा आंदोलन करने का साहस नहीं जुटाया, लेकिन इस साल जो कुछ हो रहा है, उससे पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं और योग्य तथा दमदार नेताओं के साथ युवाओं पर जिम्मेदारी सौंपे जाने से आम कार्यकर्ता जहां उत्साहित हैं, वहीं ठेकेदारी और दलाल प्रथा में भरोसा रखने वाले विचलित नजर आ रहे हैं।
लोगों के अजीज हैं
जिले की राजनीति में अजीज कुरैशी ऐसे दमदार नेताओं में गिने जाते हैं, जो विकास के प्रतीक हैं और आम कार्यकर्ताओं की पहली पसंद। श्री कुरैशी ने अब तक जिले को दिया ही है, यही वजह है कि जैसे ही सूचना लोगों तक पहुंची कि अजीज कुरैशी को उत्तराखंड का राज्यपाल बना दिया गया है, पहले कांग्रेसजनों ने जगह-जगह मिठाईयां बांटी और बाद में भोपाल जाकर उनका स्वागत भी किया।
ऐसे बदले समीकरण
कांग्रेस ने जब कैलाश परमार को पुन: जिलाध्यक्ष और फिर राकेश राय को प्रदेश कांग्रेस में शामिल किया, तभी इस बात के संकेत मिले थे कि जिले की राजनीति में अब योग्यता और सेवा को सम्मान मिलेगा। इसी साल नपा सीहोर में दमदार पार्षद पवन राठौर को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया गया, उसके बाद निगरानी समिति चेयरमेन पद पर पत्रकार महेंद्र मनकी ठाकुर की नियुक्ति हुई और जिला कांग्रेस की घोषित कार्यकारिणी ने खुलकर संकेत दे दिए कि कांग्रेस ने मिशन 2013 को लेक सिर्फ ओर सिर्फ योग्यता और कर्मठता के साथ जमीनी सक्रियता को ही केंद्र में रखा है। जिला कांग्रेस में कोषाध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, महामंत्री धर्मेन्द्र यादव की नियुक्ति ने संकेत दिए हैं कि पार्टी ने युवा नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है, जिससे कांग्रेस का युवा कार्ड पार्टी को मजबूती की ओर ले जाएगा।
भाजपा है ताकत
जिले में भाजपा के पास लोकसभा नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मार्कफेड अध्यक्ष रमाकांत भार्गव, निगम अध्यक्ष गुरुप्रसाद शर्मा, राजेंद्र सिंह, शिव चौबे, जिपं अध्यक्ष धर्मेन्द्र चौहान, उपाध्यक्ष मायाराम गौर, विधायक रमेश सक्सेना, केबिनेट मंत्री करणसिंह वर्मा जैसे दमदार नेता और बड़े पद पर आसीन नेता है, वहीं अब कई सालों के बाद ऐसा हुआ है, जब सीहोर की राजनीति में सीधा दखल रखने वाले नेता को बड़ा पद मिला है। गौरतलब है कि श्री कुरैशी का सालों तक यहां हस्तक्षेप रहा, लेकिन कभी किसी को गुटबाजी नजर नहीं आई, परंतु जब सुरेश पचौरी प्रदेशाध्यक्ष बने तो पचौरी समर्थकों ने खुलेआम श्री कुरैशी का पुतला जलाया था, अब प्रदेश की राजनीति में पचौरी गुट हासिए पर है। देखना है सुखद राजनीति का आगाज जो कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा चुका है, ऐसे में कांग्रेस की दमदारी के दिन लौटने की संभावनाएं नजर आने लगी हैं।

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