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13.4.12

हे! तीसरी आँख वाले निर्मल बाबा धन्य हो!


-कपड़े की दुकान, ठेकेदारी नहीं बाबागिरी जम गई।
-अब धंधा जम गया, तो उन्नति से चिड़ रहे हैं।
त्रिलोकदर्शी, तीसरी आंख से सब देखने वाला। यानि तीन लोक का ज्ञान रखने वाला कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता। निर्मल जीत सिंह नरूला अब निर्मल बाबा, ने यूं तो कभी कपड़े की दुकान की वह नहीं चली, ठेकेदारी की नहीं चली। अक्लमंद लोगों की कमी तो है नहीं। अचानक बाबा का तीसरा नेत्र खुल गया ओर उन्होंने धीरे-धीरे धंधा जमाकर बड़ा साम्राज्य बनाया। बाबा गिरी ऐसी जमी की आज बंदा मौज में है, दूसरों पर भी कृपा बरसा रहे हैं। टीवी का रिमोट ऑन करते ही घर में कृपा तूफान की तरह दनदनाती है। एक ही प्रोग्राम में करोड़ आते हैं। लोग कह रहे हैं जय हो बाबा आपकी। हमारी भी तीसरी आंख खोल दो। बाबा लोकसभा सदस्य झारखंड के नामी नेता इंदर सिंह रामधारी के सगे साले हैं। रामधारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कहते हैं कि वह भी आपको समझाकर थक गए हैं। निर्मल जीत सिंह नरूला ने ठेकेदारी व कई कामों में सफलता न मिलने के बाद तीसरी आँख खोलकर किसी तरह बाबा बने हैं। काम भी जम खूब गया अब भक्ति के बाबा बाजार में जब निर्मल ब्रांड चल रहा है, तो लोग आपकी उन्नति से चिड़ रहे हैं। कई ओर बाबा भी सच में परेशान से हो रहे हैं। बाबा के खिलाफ धारा-420,417,419 व 508 के अन्तर्गत शिकायत लखनऊ के गोमतीनगर थाने में की गई है। यह शिकायत दो बच्चों तनया व आदित्य ने दर्ज करायी है। वैसे इतना बड़ा नेटवर्क बनाना भी आसान नहीं होता। भड़ास के संचालक यशवंत जी जैसे लोग बाबा का कानूनी नोटिस झेल रहे हैं, लेकिन बाबा से कोई पूछे कि करोड़ों की आबादी में चंद लाख लोगों को जोड़कर कोई भगवान तो नहीं बन जाता। करोड़ों लोग जो उंगली उठाते हैं उनका क्या? ऐसा न हो नोटिस के चक्कर में पड़कर बाबा को अलग से ही एक लीगल सेल न खोलना पड़े। हालांकि यह लिखते हुए मुझे भी डर लग रहा है बाबा, लेकिन सच में मेरी भावना उतनी ही साफ है जितनी आपके धनवान भक्तों की। निवेदन था कि गरीबों के लिये भी कुछ कर देते तो अच्छा होता क्योंकि दो हजार गरीब के पास तो होते नहीं कि आपके समागम में भाग ले सके। यानि गरीब आपकी कृपा भी नहीं पा सकता। वैसे कुछ भी कहें सामने बैठे भक्तों को देखकर उनकी अक्ल पर मंद-मंद मुस्कराते हुए बहुत अच्छे लगते हैं। इतने फायदे में तो नेता भी नहीं क्योंकि वह कई बार पैसे देकर भीड़ जुटाते हैं ओर आपके यहां तो धन की बारिश होती है। धन्य हैं बाबा आप। बाकी बाबा भी आपकी करामात पर सकते में हैं। by- Nitin Sabrangi. (Journalist&Writer)

1 comment:

baba bazaar said...

ठग निर्मल जैसे गंदी नाली के कीड़ों को मीडिया ने पैदा किया है उसी तरह इस मीडिया को ऐसे नाली के कीड़ों को ख़त्म भी करना चाहिए ! ठग निर्मल का नीचे लाने का काम भी मीडिया ही कर रहा है! ऐसा ही काम वो बाकी बचे हुए कीड़ों को ख़त्म करने के लिए भी करे ! इस तरह के बाबओ के खिलाफ प्रचार और जनता को जागरूक करने की स्खत ज़रूरत है.