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26.6.12

रुपयों के लिए बीबी को ही रख दिया गिरवी

अलीगढ जिले की तहसील अतरौली के बरला थानान्तर्गत ग्राम परौरा की सनसनीखेज घटना

                  महाभारत काल में जुआ खेलने के दौरान जब पांडव अपना सब कुछ हार गए थे तो उन्होंने खेल को जारी रखने के लिए अपनी पत्नी द्रोपदी को भी दाव पर लगा दिया था। खैर पांडवों ने तो द्रौपदी को मात्र हारा ही था मगर उन्होंने द्रौपदी की इज्ज़त को तो दाव पर नहीं लगाया था, मगर आज कलयुग के समय में शराब और जुए के लती उस व्यक्ति ने तो अपने चार बच्चों की माँ और अपनी धर्मपत्नी को मात्र पंद्रह हज़ार रुपयों की खातिर गिरवी रखने के साथ-साथ उसके साथ मुंह काला तक करने की इज़ाज़त देकर मानवता और पति परमेश्वर नाम को ही कलंकित कर दिया है। 
       यह मामला उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ की तहसील अतरौली के बरला थानान्तर्गत ग्राम परौरा में बीते रविवार को घटित हुआ। ग्रामवासियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाँव का ही निवासी रमेश अव्वल दर्जे का शराबी, जुआरी युवक है। विवाहित रमेश चार बच्चों का बाप होने के बाद भी कोई काम नहीं करता है। रमेश का सिर्फ एक ही काम है दिन निकलते ही शराब का सेवन  और गाँव के जुआरियों के साथ जुआ खेलना।रमेश ने जुआ और शराब का शौक पूरा के चलते अपनी पत्नी लक्ष्मी के सभी जेवर, घर का कीमती सामान आदि सब कुछ इसकी भेंट चढ़ा दिया है। आलम यह है कि उसकी पत्नी लक्ष्मी खुद मेहनत - मजदूरी कर जैसे- तैसे बेहद कठिनाई से अपना और अपने पूरे परिवार का पेट पाल रही है।
         उक्त वाक्य रविवार का है, उस दिन भी रमेश रोज़ की भांति ही सुबह से शराब के नशे में धुत्त हो गाँव में ही अन्य जुआरियों के साथ जुआ खेल रहा था। जुए में रमेश अपने पास मौजूद सारा धन हार गया मगर इतने पर भी उसने जुआ खेलना बंद नहीं किया और उधारी में जुआ खेलने को कहा। लेकिन साथी जुआरियों ने उधारी में जुआ खेलने से मना कर दिया। एक तो अंगूरी का सुरूर ऊपर से जुए में मिली हार, और साथियों के द्वारा उधार खेलने से मना करना। बस फिर क्या था रमेश का पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया, और रमेश आवेश में आकर वहां से उठ कर सीधा अपने घर जा पहुंचा। जहाँ उसकी पत्नी लक्ष्मी मौजूद थी, रमेश ने लक्ष्मी से जुआ खेलने के लिए रुपयों की मांग की, जिस पर लक्ष्मी ने उसे बुरी तरह से फटकारते हुए दुत्कार दिया। लक्ष्मी के इस व्यवहार ने पहले से ही गुस्से में भभक रहे रमेश के गुस्से के आग में मानो घी डालने का काम किया , बस उस पर शैतान हावी हो गया और अंगूरी के सुरूर में झूम रहे रमेश ने आव देखा न ताव और लक्ष्मी पर लात घूंसों की बारिश कर दी। लक्ष्मी को मार- पीटकर रमेश घर से चला गया, और कुछ देर बाद ही गाँव के ही कल्लू नामक व्यक्ति के साथ अपने घर आया। कल्लू को अपने घर में बिठा कर रमेश खुद जुआ खेलने चला गया। 
             रमेश के जाने के बाद कल्लू ने घर में देखा कि लक्ष्मी घर में अकेली है तो उसने मौके का फायदा उठाने की नीयत से लक्ष्मी को दबोच लिया और जबरदस्ती करते हुए उसके साथ हमबिस्तर होने का  प्रयास किया जिस पर लक्ष्मी ने शोर मचा कर गाँव के लोगों को इक्कठा कर लिया। शोर सुनकर दौड़े आये गाँव वालों ने कल्लू को दबोचकर मारना पीटना शुरू कर दिया। जिस पर कल्लू ने जो बताया उसे सुनकर लक्ष्मी के साथ साथ वहां मौजूद सभी गाँव वाले भौचक्के रह गये। कल्लू ने ग्रामीणों के सामने बताया कि अब लक्ष्मी पर उसका हक़ है, क्योकि लक्ष्मी के पति रमेश ने लक्ष्मी को कल्लू के पास गिरवी रखकर पंद्रह हज़ार रूपये उधार लिए हैं। जिसके चलते अब कल्लू को खुश करना लक्ष्मी का फ़र्ज़ है। यह बात सुनते ही समूचे गाँव वाले दांग रह गए, कि ये कल्लू क्या कह रहा है, आनन् फानन में रमेश के पिता को अलीगढ में सूचना देकर सारी बात बताई गयी। जिसे सुनकर रमेश के पिता तुरंत परौरा पहुंचे और देर सांय जैसे तैसे जुगाड़ कर लक्ष्मी को गिरवी से छुड़ाया गया। बताते हैं कि रमेश के पिता ने रमेश को काफी उल्टा सीधा कहा तो रमेश ने उन्हें महाभारत में पांडवों द्वारा द्रौपदी को दाव पर लगाये जाने का उदहारण भी दे डाला था। यह खबर पाकर लक्ष्मी के पीहर वाले लोग भी मौके पर पहुँच गए, वो लोग लक्ष्मी को लेकर पुलिस के पास जाने लगे तो सभी गाँव वालों ने समझा बुझा कर रोक लिया। जिसके चलते यह इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी पुलिस के संज्ञान में नहीं आई है। खैर अब रमेश की पत्नी ने रमेश के साथ न रहने का निर्णय लिया है और अपने बच्चों को लेकर अपने पीहर चली गयी है। चूँकि आस पास के क्षेत्र में इस प्रकार की घटना पहली बार रौशनी में आई है, जिसके चलते इस मामले को लेकर आस-पास के ग्रामों में भी चर्चाओं का बाज़ार बेहद उफान पर है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि क्या कोई व्यक्ति शराब और जुए की लत के चलते इतना नीचे भी गिर सकता है। लक्ष्मी के पति रमेश के इस कृत्य ने पुरुष जाति का सर शर्म से झुकाने के साथ साथ पति को दी जाने वाली परमेश्वर की उपाधि पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।

मधुर भारद्वाज 
9720943333
bhardwaj.jagran@gmail.com

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