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1.1.13

मुसलमान की खामोशी

मित्रों कई बार बडे संकटों की आड लेकर स्वार्थी तत्व अपना ऐज़ेंडा लागू कर देते हैं।दिल्ली गैंग रेप कांड की आड लेकर भी कुछ लोगों ने अपनी रोटियां सेकना या यों कहें उनके अवचेतन में जो है उसे व्यक्त करना शुरू कर दिया।मैं जिस परिवेश में पला बढा उसमें कट्टरता की कोई गुंजायश कभी नही थी।छात्र जीवन में मेरे एक मित्र जो अलीगढ यूनीवर्सिटी में लेक्चरर थे ।कहने लगे अरविंद तुम्हे क्या लगता है पाकिस्तान का बनना गलती थी।मैने कहा-इसमें शक की गुंजायश कहा ये मिस्टेक नहीं ब्लंडर था।वे फिर बोले अगर फिर से भारत-बांग्ला-देश और पाक मिला दिया जाय तो क्या ये गलती सुधर जायेगी ?मैने कहा--बिल्कुल सुदर जायेगी जब हिंदू -मुसलमान दोनो को अहसास हो जायेगा कि साथ रहना उनकी नियति है तो ज़रूर कटुता भि एक दिन समाप्त हो जायेगी और वे सपनों नही हकीकत के देश में खुशी ढूढेंगे।तब वे बोले हां दूसरा तरीका ये हो सकता है कि अब फिर से मिलाकर आबादी के अनुपात में बांटा जाय तो कश्मीर जैसी समस्याओं का भी समाधान हो जायेगा।
मैने उन्हें एक क्षण तक घूर कर देखा फिर कहा --मियां दिक्कत यही है तुम तमाम बौद्धिकता के बाद बांटने पे आ जाते हो और हम हजार धोखे खाकर जोडने की बात करते हैं।२०-२१ साल पुरानी ये बात मुझे आज याद आने की खास वज़ह है।कुछ लोगों ने इस गैंग रेप कांड की आड में शरीयत और इस्लामी कानून की बात शुरू कर दी तो कुछ सेना और सरकार के बहाने भारत राज्य के विरूद्ध माहौल बनाने लगे।कुछ नामचीन शायर तो ये कह उठे -----"अभी और बेज़ार होने दो इस कौम को ,ये खुद कहेंगे हुसैन हमारे हैं।"कुछ दिन पहले अहमद बुखारी कह उठे कि भारत इसलिये धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि हम अल्पसंख्यक हैं जिस दिन मुसलमान हिंदुओं के बराबर हो गये उस दिन यहां इस्लामिक क्रांति होगी और इस दारूहरब को इस्लाम कंट्री बना लेंगे।ताजा बयान अकबरुद्दीन ओवेसी का है और ये वीडियो सोशल साइट्स पर उपलब्ध है जिसमें कहा गया है कि १५ मिनट को पुलिस हटा ली जाये तो २५ करोड मुसलमान १०० करोड हिंदुओं को काट डालेंगे।
मित्रों चिंतनीय बात ये नहीं कि ओवेसी ने क्या कहा?चिंतनीय ये भी नहीं कि अहमद बुखारी ने क्या कहा ? इस बात से भि चिंतित -परेशाचिंतनीय बात है आम 
न होने की ज़रूरत नहीं कि ये शायर चंद तालियों और पैसों के लिये हमारी बेज़ारी और हुसैन की--स्वीकार्यत की बात कर रहेर।पर मुसलमान की खामोशी।मुख्यधारा मीडिया 
का दोगलापन जो इन बातों की चर्चा तक नहीं करता और राजनीतिक पार्टियों का तुष्टिकरण ।मुसलमानों को बहुत उत्साहित होने की ज़रूरत नहीं --गोधरा अगर गुजरात बनसकता है तो असुरक्षा बोध से ग्रस्त हिंदू ---भी कत्ले आम कर सकता है।वक्त रहते ऐसे बयानों को रोकने और ऐसे चिंतन को नष्ट करने की ज़रूरत है-इस सुचिंतित चुप्पी से सबका अहित है।

1 comment:

Dr Om Prakash Pandey said...

waise hinduon ko kyaa kahaa jaaye bhai jo swayam apane dharm ewm sanskriti kaa majaak udaate hain .