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6.1.13

सोच बदल लो वर्ना बन जाओगे इतिहास !


राजनीति जो न कराए वो कम है...अपनी राजनीति चमकाने के लिए वर्ग विशेष के वोटबैंक को साधने के लिए नेता किस हद तक जा सकते हैं ये मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बयान से एक बार फिर से जाहिर हो गया। कहीं का तार कहीं जोड़कर कैसे वोटबैंक को साधा जाए ये कोई राज ठाकरे से सीखे। मराठियों का हिमायती होने का दावा करने वाले राज ठाकरे ने दिल्ली गैंगरेप जैसे मुद्दे पर भी अपना सियासी फायदा खोज ही लिया और एक बार फिर से निशाना लगाया बिहारियों पर। गैंगरेप की घटना दिल्ली में होती है...लेकिन राज ठाकरे मुंबई में बैठकर ये कहकर बवाल खड़ा कर देते हैं कि इस घटना को अंजाम देने वाले लोग बिहारी थे। बिहारियों पर राज ठाकरे पहले भी निशाना साधते रहे हैं...मुंबई में बिहार से आकर रहने वाले बिहारियों का मसला हो या फिर 13 जुलाई 2001 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार हमलों के सिलसिले में बिहार से कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी का मामला। राज ठाकरे ने हमेशा ही मराठियों के कंधों पर बंदूक रखकर बिहारियों पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दिल्ली गैंगरेप के मुद्दे पर जहां सारा देश सड़कों पर उतर आरोपियों को फांसी की मांग कर रहा है तो राज ठाकरे यहां भी राजनीति की बिसात पर बिहारी राग अलाप पर अपनी घटिया मानसिकता दर्शाते हुए नजर आ रहे हैं। राज ठाकरे साहब दिल्ली की घटना को बिहार के आरोपियों को महाराष्ट्र में बैठकर जोड़ने से आप क्या हासिल करना चाहते हैं..? इस घटना के खिलाफ देश भर में गुस्सा दिखा...देशभर में लोग एकजुट होकर आरोपियों को फांसी की मांग के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के मसले पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं...लेकिन आपने यहां पर भी लोगों को बांटने का खेल शुरु कर दिया..! ये तो वक्त था राजनीति से ऊपर उठकर आम आदमी की आवाज को और बुलंद करने का ताकि न सिर्फ दिल्ली गैंगरेप को अंजाम देने वाले हैवानों को मौत की सजा मिले बल्कि समाज में महिलाएं सुरक्षित रह सकें और भविष्य में कोई शख्स किसी महिला के साथ बलात्कार करना तो दूर ऐसे सोचने से भी घबराए। लेकिन अफसोस आपको इस सब से कोई सरोकार नहीं है क्योंकि आपको तो यहां भी बिहारियों को गलिया के मराठियों को साधने का मौका दिखाई दे रहा है। आप एक देश में दो राज्यों के लोगों को अलग – अलग नजरों से देखकर क्या साबित करना चाहते हैं..? क्या महाराष्ट्र भारत का हिस्सा नहीं हैं या फिर बिहार भारत का हिस्सा नहीं है..? माना आप मुंबई में बैठकर क्षेत्रिय राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि मराठियों के हितों के आगे आप दूसरे लोगों के हितों पर अतिक्रमण करें..! ठाकरे साहब आपको तो महाराष्ट्र में रहने वाले सभी लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए क्योंकि महाराष्ट्र भी तो भारत का ही अभिन्न अंग है और उतना ही अभिन्न अंग बिहार भी भारत का है। दूसरे राज्यों के लोग महाराष्ट्र में रह रहे हैं तो क्या महाराष्ट्र के लोग दूसरे राज्यों में नहीं रह रहे हैं..? व्यक्ति किसी भी राज्य का हो लेकिन आखिर में वो है तो भारतीय ही...फिर चाहे वो मराठी हो या बिहारी हो या फिर किसी और राज्य से ताल्लुक रखता हो। आप दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों के बिहारी होने की बात कर क्या साबित करना चाहते हैं...? ठाकरे साहब अपराधी की कोई जाति नहीं होती और न ही वो किसी राज्य या देश का होता है। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है क्योंकि वो अपराध करने से पहले ये नहीं देखता कि वो जिसके साथ अपराध कर रहा है वो कौन है..? जिस जगह अपराध कर रहा है वो जगह उसके गली मोहल्ले में है या देश के किसी दूसरे कोने में। ठाकरे साहब अपराधी अपने परिवार में भी अपराध करता है...अपने गली मोहल्ले में भी...अपने शहर और राज्य में भी और जहां वो उस वक्त मौजूद है वहां पर भी चाहे वह किसी भी देश में क्यों न हो। ऐसे में आप ये कैसे कह सकते हो कि दिल्ली गैंगरेप के आरोपी बिहार से हैं ये सबको जानना जरूरी है। क्या महाराष्ट्र के लोग अपराध नहीं करते या फिर महाराष्ट्र में अपराध नहीं होते..? ठाकरे साहब वोट बढ़ाने के लिए बांटों और राज करो की राजनीति का इतिहास भले ही सफल दिखाई देता हो लेकिन अब वक्त बदल चुका है और लोग राज ठाकरे टाइप लोगों की सोच को भी पहचान गए हैं इसलिए अभी भी वक्त है अपनी सोच बदल लो वरना कहीं ऐसा न हो कि वक्त के साथ जनता आपकी राजनीति का गणित - भूगोल सब बिगाड़ दे और आपको राजनीति में इतिहास का हिस्सा बनने पर मजबूर कर दे। ।।जय भारत।।

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