Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

5.2.13

क्यों न एक फतवा जारी किया जाए...?


कश्मीर में मुस्लिम लड़कियां संगीत में अपने भविष्य के सपने बुनती हैं तो इसे इस्लाम के खिलाफ बताकर फतवा जारी कर दिया जाता है..!  कभी लड़कियों के जींस पहनने पर फतवा जारी कर दिया जाता है तो कभी लड़कियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर फतवा जारी कर दिया जाता है..!
लेकिन जेहाद के नाम पर लोगों की हत्या करने पर कोई फतवा जारी नहीं होता है। आखिर क्यों..?
फतवे जारी कर अपनी संकुचित सोच का प्रदर्शन करने वाले ऐसे मौलवी या उलेमा कभी इस्लाम में किसी की हत्या की इजाजत नहीं दिए जाने की बात नही करते लेकिन रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़कर जब कोई लड़की अपने सपनों को पूरा करने के लिए आसमान की बुलंदिया छूने की कोशिश करती है तो उसके पंख कतरने में ये लोग जरा भी देरी नहीं करते...आखिर क्यों..?
अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान के रास्ते भारत में जेहाद के नाम पर जब आतंकी हमले किए जाते हैं...बम विस्फोट किए जाते हैं लोगों का सिर कलम कर दिया जाता है उस वक्त कोई फतवा जारी नहीं होता..! आखिर क्यों..?
निर्दोष लोगों पर जब बेवजह गोलियां की बौछार कर दी जाती है...किसी वो विधवा कर दिया जाता है...छोटे – छोटे बच्चों के सिर से बाप का साया उठ
जाता है...किसी मां से उसके बेटे को छीन लिया जाता है...किसी बहन से उसके भाई को जुदा कर दिया जाता है...तब कोई फतवा जारी नहीं होता है। आखिर क्यों..
?
आज तक क्यों नहीं ऐसे लोगों ने किसी आतंकवादी संगठन के खिलाफ फतवा जारी नहीं किया...? आज तक क्यों नहीं किसी आतंकवादी के खिलाफ फतवा जारी नहीं किया गया..?
क्या ऐसे कथित मौलवी और उलेमाओं के हिसाब से क्या आतंकवादी संगठन और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना इस्लाम के अनुसार सही है..?
जाहिर है कोई भी धर्म किसी की जान लेने की इजाजत तो नहीं देता है लेकिन अमन के दुश्मन फर्क नहीं पड़ता...वे किसी भी देश के...किसी भी धर्म के हों इन घटनाओं में लिप्त रहते हैं..!   
अनाप शनाप फतवे जारी करने वाले ऐसे मौलवी और उलेमा दरअसल कूप मंडूक(कुएं के मेंढ़क) की तरह होते हैं...ये लोग सोचते हैं कि दुनिया इतनी ही बड़ी है और हर कोई यहां इनके हिसाब से रहे...ऐसे में जब कोई इस कूप से बाहर निकलने की कोशिश करता है तो इनको ये बर्दाश्त नहीं होता है और फतवे के नाम पर उसकी आजादी को...उसके सपनों को कुचलने का काम शुरु कर दिया जाता है..!
ऐसे में क्यों न एक नेक काम किया जाए...ऐसे कथित मौलवी और उलेमाओं के खिलाफ ही एक फतवा जारी किया जाए..! ताकि बिना किसी डर के लड़कियों के सपने आकार ले सकें...वे आसमान की बुलंदियों को छू सकें...इनमें से भी कोई कल्पना चावला जैसी बन सके...और भारत का नाम रोशन करे।

deepaktiwari555@gmail.com

No comments: