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29.6.13

मित्रो ! सरकार राम बाड़ा का सच छिपा रही है और यह बेहद जरूरी है कि  लापरवाह सरकारों का सच हर हाल में सामने आना चाहिए । यह शर्म का विषय है कि  जो स्थानीय लोग हैं उनकी संख्या क्या है इसका आकलन न होने देने के लिए सरकार मीडिया तक को वहां न जाने देने की कोशिश कर रही है । सेना के मुताबिक़ राम बाड़ा में ही हज़ारों शव बिखरे पड़े हैं और यह देख कर सेना का दिल भी असहज हो गया है । और ये वे शव उन लोगों के हैं जो बाहरी तौर पर दिख रहे हैं । मलबे के अन्दर जो लोग दबे हैं वे कितने हैं इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है । कितने बह गए , कौन जानता है । कितने ऐसे भी रहे होंगे जिनका पूरा का पूरा परिवार बह गया होगा और उनके बारे में किसी ने पूछा भी नहीं होगा । सरकार अपनी विफलता कैसे छिपाती है , इसका एक ताजा तरीन उदाहरण यह प्रकरण है । इतने दिन बाद भी सरकार राहत सामग्री स्थानीय लोगों तक नहीं पहुंचा पा रही है और ये ट्रक वापस जा रहे हैं । यहाँ तक कि  राहुल महोदय ने जो ट्रक रवाना  किये थे वे तक वापस जा रहे हैं क्योंकि उन्हें डीजल तक के पैसे नहीं दिए गए । वे सामान बेच रहे हैं और उससे पैसा इकट्ठा करके वापस जा रहे हैं । यह उत्तराखंड सरकार का हाल है । इश्वर सरकार को सद्बुद्धि दे जिससे वह लोगों की सही मायने मे मदद कर सके ।

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