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24.2.14

क्या केजरीवाल और अंबानी में साँठगाँठ है?-ब्रज की दुनिया

हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। रविवार को रोहतक में रैली करने पहुंचे अरविन्द केजरीवाल ने क्या बातों ही बातों में अपनी ही पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष की पोल खोल दी है? अगर घटनाओं को सही मानें तो शायद हां। रविवार को रोहतक में रैली करने पहुंचे अरविन्द केजरीवाल के साथ आईबीएन-7 के पूर्व एडीटर इन चीफ आशुतोष भी थे। उन्होंने वहां अरविन्द से पहले रैली को संबोधित भी किया। लेकिन जब खुद केजरीवाल संबोधित करने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने ऐसी बात कह दी जिससे शक हुआ कि कहीं वे यह बात अपनी ही पार्टी के नेता आशुतोष के बारे में तो नहीं कह गए?
असल में रोहतक की रैली में अरविन्द केजरीवाल ने मुकेश अंबानी और मोदी के साथ साथ मीडिया पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि मीडिया का एक हिस्सा जानबूझकर उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम कर रहा है। केजरीवाल ने मीडिया पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब मुकेश अंबानी के इशारे पर हो रहा है क्योंकि मीडिया में आज हर जगह मुकेश अंबानी का पैसा लगा हुआ है।
मुकेश और मीडिया के रिश्तों पर बोलते बोलते अरविन्द केजरीवाल बोल गये कि कैसे एक एडीटर इन चीफ उनके पास आया और कहने लगा कि उसके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि वह मोदी के बारे में ही खबरें दिखाएं। उस एडीटर इन चीफ से यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और उसने अरविन्द से कहा कि इसलिए उसने इस्तीफा दे दिया है।
अगर अरविन्द की बात को सही मानें और मीडिया में मुकेश अंबानी की मौजूदगी को देखें तो निश्चित रूप से यह एडीटर इन चीफ कोई और नहीं बल्कि खुद आशुतोष ही हो सकते हैं क्योंकि आशुतोष जिस आईबीएन-7 के संपादक थे वह नेटवर्क-18 का हिस्सा है जिसमें मुकेश अंबानी ने पैसा निवेश कर रखा है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आशुतोष के आम पार्टी ज्वाइन करने की पोल खुद केजरीवाल ने ही खोल दी?
हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है जब अरविन्द केजरीवाल खुद मीडिया के एक हिस्से पर जमकर बरसे और अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर कोई खबर ऐसी दिखे जिसे देखकर लगे कि यह जानबूझकर गलत खबर चलाई जा रही है तो पार्टी कार्यकर्ता टीवी चैनलों के दफ्तर में फोन करके अपना विरोध दर्ज करवाएं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर ये लोग गलत खबर दिखाना बंद नहीं करते हैं तो मीडियावालों को भी ठीक करना पड़ेगा।
हालाँकि अधिकतर टीवी दर्शकों का यह मानना है कि आईबीएन 7 आशुतोष के होते हुए तो केजरीवाल का समर्थक था ही उनके हटने के बाद तो और भी अंधसमर्थक ही हो गया है। दिन-रात नॉन स्टॉप सिर्फ केजरीवाल के पक्ष में ही समाचार और कार्यक्रम चलाता रहता है। तो क्या केजरीवाल और अंबानी में भी भीतर-ही-भीतर साँठगाँठ है? अगर ऐसा नहीं है तो फिर आईबीएन 7 आज केजरीवाल का सबसे बड़ा समर्थक चैनल क्यों बना हुआ है? (हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)

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