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15.6.14

देशभक्ति का पतन

देशभक्ति का पतन 

किसी भी देश में देशभक्ति का ह्रास तब होता है जब -

देश का शीर्ष नेतृत्व खुद के स्वार्थों को पूरा करने में डूबा रहता है

देश के राजनेता राजधन की लूट खसोट में लगे रहते हैं

देश की नौकरशाही आराम तलब,कामचोर और भ्रष्ट हो जाती है

देश की न्याय व्यवस्था अंधी ,बूढी और लाचार हो जाती है

देश के संचार साधन धनी लोगों की जबान बन कर सच कहने से कतराने
     लगते हैं

देश के शिक्षक ज्ञान के प्रकाश को पैसों में बेचने का धंधा करते हो 

देश की भाषा और संस्कृति को जाहिल समझ फ़ेंक दिया जाता है

देश के इतिहास पुरुषों की गाथाओं को विकृत करके पढ़ाया जाता है

देश में आक्रमणकारी राजाओं के इतिहास को गौरवशाली ठहराया जाता है

देश के नागरिक स्वदेशी उत्पाद के प्रयोग को छोड़ बाहरी देशों के उत्पादों का
    का अंधाधुंध उपयोग करते हैं

देश के नागरिक स्वधर्म को छोड़ पराये धर्म का गुणगान और स्तुति करने में
    गर्व अनुभव करते हो

देश के नागरिक पुरुषार्थ छोड़ राजकीय सहाय की ओर ताकता हो

देश की सीमाओं की रक्षा में खर्च को व्यर्थ का खर्चा समझा जाता हो

देश की नारी विकृतियों का अनुकरण करने में खुद की शान देखती हो

देश का पुरुष नारी के अपमान से खुद का मनोरन्जन करता हो

देश के धर्म गुरु सांसारिक भोग विलास में डूबे हो

देश का युवक निकम्मे काम में व्यस्त हो या बेरोजगार फिरता हो

देश के वयोवृद्ध स्वजनो से अपमानित हो घर त्यागने को मजबूर हो

देश के बालक सद्ग्रन्थों की जगह मायावी चलचित्रों के जाल में फँसा हो

देश में हर कोई सद आचरण से विमुख और भाषण कला में निपुण हो गया हो

         
   

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