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12.7.15

कानपुर प्रेस क्लब में चल रहे विवाद में डिप्टी रजिस्ट्रार महामंत्री ने माँगा आख्या देने के लिये और समय

कानपुर। एस.आर.न्यूज़ द्वारा की गयी कानपुर प्रेस क्लब में हुए फर्ज़ीवाड़े की शिकायत पर डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म, सोसायटी एवं चिट्स ने वर्तमान महामंत्री अवनीश दीक्षित की नोटिस जारी कर शिकायती पत्र में लिखित बिंदुओं पर अपना पक्ष साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करने के लिए आज 8 जुलाई 2015 दोपहर 2 बजे तक का समय दिया गया था।



जानकारी के अनुसार नियत समय पर महामंत्री डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचे और शिकायती पत्र पर जारी नोटिस पर जमकर हंगामा काटा डिप्टी रजिस्ट्रार और ऑफिस स्टाफ के समझाने पर वो जवाब देने को तैयार हुए और एस.आर.न्यूज़ द्वारा की गयी शिकायत की फिर से एक प्रति मांगते हुए 10 दिन का समय माँगा है जिसे रजिस्ट्रार ने स्वीकार करते हुए समय दे दिया अब प्रेस क्लब महामंत्री अवनीश दीक्षित को 10 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करना है।

बड़े सवाल ये हैं कि 👇👇
✅ क्या वर्तमान महामंत्री अवनीश दीक्षित प्रेस क्लब चुनाव और नवीनीकरण पर सावल खड़े करने वाले एस.आर.न्यूज़ के सम्पादक बलवन्त सिंह के सवालों का जवाब दे पाएंगे??
✅ क्या डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म, सोसायटी एवं चिट्स उनके जवाबों से संतुष्ट होंगे और कोई कार्यवाही आगे नहीं करेंगे??
✅ क्या डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म, सोसायटी एवं चिट्स एस.आर.न्यूज़ के द्वारा दिए गए साक्ष्यों को दर किनार कर महामंत्री को क्लीन चिट दे देंगे या फिर साक्ष्यों को संज्ञान में लेते हुए कानपुर प्रेस क्लब का पंजीकरण निरस्त करते हुए उपरोक्त पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कायर्वाही करेंगे।

वहीँ एस.आर.न्यूज़ के सम्पादक बलवन्त सिंह ने बातचीत में बताया कि जो 25 बिंदु मैंने शिकायती पत्र में साक्ष्यों सहित भेजें हैं वो पूर्णतयः सही है जिनका कोई जवाब वर्तमान स्वयंभू महामंत्री के पास नहीं है और वो केवल जाँच को लंबित करने और कार्यवाही से बचने के लिए समय मांग रहे हैं अगर डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म, सोसायटी एवं चिट्स जवाब देने की तय समय सीमा के उपरान्त कोई कार्यवाही नहीं करते तो भी कोई बात नहीं ये उनकी प्रेस क्लब के स्वयंभू महामंत्री से मिलीभगत का प्रमाण होगा।
जनपद न्यायलय कानपुर में कानपुर प्रेस क्लब के खिलाफ मामला विचाराधीन है जिसमे 29 जुलाई 2015 तारिख सुनवाई के लिए नियत है अगर वहां से भी संतोषजनक न्याय नहीं मिला तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं क्योकि शिकायत करने के बाद से ही उनको जान का खतरा बना हुआ है और पुलिस अधिकारीयों का रैवैया भी स्वयंभू महामंत्री के  पक्ष में दिख रहा है।
पिछले 20 दिनों से पुलिस द्वारा केवल जाँच ही चल रही है एक सीओ से दूसरे सीओ एक थाने से दूसरे थाने और एक चौकी से दूसरी चौकी उनको दौड़ाया जा रहा है जबकि उन्होंने स्पष्ट रूप उपरोक्त वर्तमान पदाधिकारियों से अपनी जान को खतरा बताकर शपथपत्र सहित शिकायत कर रखी है।


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