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30.7.15

आयुर्वेद विश्व परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने डॉ राजा राम त्रिपाठी

कोण्डागांव । हिन्दोस्तान के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की मंश के अनुरूप 1959 में आयुर्वेद को बढावा देने के लिये किया गया था। आयुर्वेद को विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिये भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू  राजेन्द्र प्रसाद का यह प्रयास तब से अब तक पू विश्व में अपनी अर्थपूर्ण महत्ता का निर्वहन करता रहा है । इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बस्तर के कोण्डागांव जिले के एक औषधि कृषक डॉ राजाराम त्रिपाठी का चयन पू छग प्रदेश के लिये गर्व का विषय है । जिले के आयुर्वेद प्रेमियों ने इस नियुक्ति पर हर्षित हो कर कहा है कि यह प्रसन्नता की बात है कि आयुर्वेद विश्व परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हमा जिले के निवासी है।



परिषद के उददेश्य - नवनियुक्ति कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजाराम त्रिपाठी ने बताया कि आयुर्वेद विश्व पषिद के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रसिद्व अयुर्वेदज्ञाता पंडित शिवकुमार तिवारी जैसी हस्ती ने अपनी सेवाये दी। बाबू डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने आजीवन इस परिषद के लिये दिशा निर्देश दिये। वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष केके त्रिपाठी है इनके पूर्व नीदरलेण्ड की कृष्णा अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आसीन थी। इस परिषद के परमाध्यक्ष आचार्य उदय मिश्र व महासचिव मनीन्द्र तिवारी है ।

नहीं हुआ विश्वास - डा त्रिपाठी
जब परिषद के महासचिव मनीन्द्र तिवारी का नियुक्ति पत्र मिला सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि आयुर्वेद के क्ष्ोत्र में इतनी बडी जिम्मेवारी कभी मुझे सौंपी जायेगी। बहरहाल मै इस क्ष्ोत्र में काफी समय गुजार चुका हूॅ। और अब संकल्प किया है कि इस जिम्मेवारी को पूरी कर्मठता से निवाह करने का प्रत्यन करूगां। तीन दिवसीय सम्मेलन प्रतापगढ में - श्री त्रिपाठी ने आगे बताया कि हम तेजी से कार्य मे जुट गये है। तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्व आयुर्वेद परिषद की ओर से प्रतापगढ यूपी में  रखा गया है । तारीख 25,26,27 जुलाई को आयोजित इस विश्वस्तरीय आयुर्वेद सम्मेलन में देश विदेश के आयुर्वेद विश्ोषज्ञों का सम्मिलन प्रतापगढ में होगा। हम इसकी तैयारियों में जुट गये है। इसी सम्म्ोलन में भारत देश की नयी कार्यकारिणी का गठन व उसकी घोषणा भी की जायेगी।

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