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23.7.15

वनस्थली विदयापीठ का फर्जीवाड़ा

न नेट पास किया और न ही पी एच डी किया लेकिन बना दिया गया विभागाध्यक्ष यानि की एच ओ डी.... जी हाँ यही सच्चाई है वनस्थली विद्यापीठ की..यहाँ के मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म विभाग में इन दिनों ऐसा ही फर्जीवाड़ा चल रहा है...सिर्फ  मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म विभाग  ही नहीं यहाँ के कई सारे विभागों का यही हाल है..राजस्थान के इस विश्वविद्यालय में इन दिनों विश्वविद्यालय अनुदान आयोग  के नियमो की जम कर धज्जियाँ उड़ाई जा रही है...कोर्स  के नाम पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से रकम तो मोटी ली जा रही है...लेकिन अनुदान के नियमो का पालन नहीं हो रहा है..बात सिर्फ यही तक ख़त्म नहीं होती हैरत की बात तो ये है की कई विभाग भी दूसरे नाम से  चलाये जा रहे है..मसलन  अगर   मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म विभाग की  बात करें तो इसे फाइन आर्ट्स के  नाम से चलाया जा रहा है..वाह रे वाह अनुदान आयोग का और आयोग के नियमो का पालन नहीं..ये तो महज बानगी भर है...ना जाने कितने फर्जीवाड़े से भरा हुआ है  ये विश्वविद्यालय.



मैं भड़ास के माध्यम से अपने पत्रकार साथियों से आग्रह करता हूँ वो छात्रों के जीवन से जुड़े इस मसले को उजागर करें..आज जब की  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और राजधानी के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में करप्शन फ्री देश और राज्यों  की  बात की जा रही है तो फिर हम इसे क्यों बर्दाश्त करें.आखिर कब तक हम शिक्षा के क्षेत्र में करप्शन को बर्दाश्त करेंगे...अपने रसूख और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर छात्रों के जीवन से खिलवाड़ आखिर कब तक चलेगा.मैं पत्रकार भाइयों से अनुरोध करता हूँ की इस मामले की तह तक जाएँ...और इसे लेकर मानव संसाधन मंत्रालय में भी शिकायत दर्ज कराएं..इसके अलावा अगर आपको इस मसले पर कोई भी मदद चाहिए तो मुझसे संपर्क कर सकते है.

आपका नंदन
narmadesh_pathak@rediffmail.com

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