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30.8.15

जातिवादी रंग गहरा रहा है देवघर प्रभात खबर में?

देवघर प्रभात खबर में अब जातिवाद का रंग गहरा रहा है। सबसे कुशल व सक्सेस सर्कुलेशन मैनेजर का भी अब तबादल कर दिया गया। कारण दो जातियों के बीच जंग। विकास बलियासे यहां के लोकल ताकतवर समुदाय का व्यक्ति था। ब्राहम्ण जाति से था। उसको हटाने के लिए कई बार प्रयास किया गया था। अब दत्ता की टीम ने उसे यहां से जमशेदपुर रवाना कर दिया। यहां पर कायस्त व ब्राहणों के बीच वर्चस्व की जंग जारी है। कायस्थ लाॅबी की कमान खुद आरके दत्ता संभाल रहे हैं।



मालूम हो कि जब पहली बार यहां प्रभात खबर की लाॅचिंग हुई थी तो हरिवंश व गोयनका ने दोनों जातियों को समान करते हुए कायस्थ जाति के अविनाश को संपादक व ब्राहम्ण जाति के राजेश झा को यूनिट मैनेजर बनाया। कायस्थ जाति के ही श्याम बिहारी श्यामल को न्यूज एडिटर बनाया। इसके बाद फिर राजेश को बुरी हालात में खुद के खड़े किये गये अखबार से विदा होना पड़ा। अविनाश भी निकाले गये। ब्राहम्ण जाति के दो पत्रकार विनोद पांडेय व उदय खवाड़े को अविनाश ने जाते-जाते विदा कर दिया। विनोद पांडेय सीनियर थे और उदय खवाड़े गोड्डा में प्रभारी थे। अविनाश ने गोड्डा में कायस्थ जाति के निरभ किशोर को बैठा दिया। कुछ दिन तक अविनाश के जाने के बाद यादव जाति से ताल्लुक रखने वाले रवि प्रकाश को वहां का संपादक बनाया। लेकिन रवि ने जैसे ही अजय यादव की वहां इंट्री कराई, इन दोनों जातियों के मठाधीशों को यह नागवार गुजरा व रवि प्रकाश की येन-केेन प्रकारेण विदाई कर दी। उसके बाद फिर कायस्थ जाति के ही सुशील भारती को संपादक बनाया गया। दुमका में प्रभारी कायस्थ जाति के ही आरके नीरद को देवघर में दो नंबर की हैसियत से लाया गया। दत्ता लाॅबी पूरी तरह देवघर को अपने में काबिज रखना चाहती है। इसके बाद कायस्थ जाति के ही विजय कुमार को प्रमोशन दिया। इससे नाराज ब्राहम्ण जाति के राकेश पुरोहितवार ने प्रबंधन को शिकायत की, लेकिन सुशील भारती ने तब इस्तीफा देकर न्यूज 11 का दामन थाम लिया। मामला खत्म हो गया। लेकिन पिछले साल से जब फिर सुशील ने दत्ता का दामन पकड़कर देवघर प्रभात खबर में संपादकी हथियाई है। एक कायस्थ जाति की लड़की को अच्छे वेतन पर नौकर दी। सुशील के आते ही राकेश पुरोहितवार ने प्रभात खबर से इस्तीफा देकर जमशेदपुर हिंदुस्तान ज्वाईन कर लिया। सुशील के पहले टर्म में दिनकर नाम का जो रिपोर्टर उनका करीबी था। आज वह ब्राहम्ण जाति होने की लड़ाई में किनारे कर दिया गया। हालात यह है कि उससे सिर्फ मंदिर व धर्मरक्षिणी की खबर लिखाई जाती है। इसी बीच हरिवंश, गोयनका व दत्ता में बनी कि बराबरी के लिए उदय खवाड़े को देवघर में लाया जाय। लेकिन गलत अफवाहों व एक नेता से फोन करवाकर प्रबंधन को डरा दिया गया, जिस कारण उदय खवाड़े की ज्वाईनिंग नहीं हो सकी। उस समय उदय खवाड़े प्रभात खबर के मुज्फफरपुर टीम मंे शामिल थे। लेकिन ब्राहम्ण संपादक संजय मिश्रा को डरा दिया गया, और उन्होंने राजेंद्र तिवारी के कहने के बावजूद उदय खवाड़े को देवघर ज्वाईन नहीं करने दिया। उधर पालोजोरी में ब्राहम्ण जाति के अविनाश को भी हटा दिया गया, जबकि भूमिहार जाति बाहुल्य होने के बाद भी सारठ विधानसभा में दत्ता के खास मिथिलेस सिन्हा का प्रभारी बनाया गया। उसकी योग्यता इतनी ही थी कि वह कायस्थ जाति से था। फिर कायस्थ की टीम में अनुज सिन्हा जमशेदपुर से संपादकी छोड़ रांची शिफ्ट हो लिए। दबे पांव कुछ लोग उन्हें पंडित जी भी कहते है। लेकिन टाईटल उन्होंने कायस्थ जाति का रखा। फिर कायस्थ का बोलबाला शुरू हो गया। अब बलियासे को देवघर से भगाकर ब्राहम्ण विहिन करने की मंशा सुशील की पूरी हो गई

Raj You
raj.you8@gmail.com

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