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1.11.15

प्राकृत भाषा में छपने वाले प्रथम समाचार पत्र “पागद-भासा” का नया अंक प्रकाशित हो गया, आप भी देखें-पढ़ें

आदरणीय महोदय

आपको सूचित करते हुए प्रसन्नता प्राकृत भाषा में छपने वाले प्रथम समाचार पत्र “पागद-भासा” का नया अंक प्रकाशित हो चुका है| भारत वर्ष की एक प्राचीन भाषा “प्राकृत” को जीवित रखने हेतु यह एक छोटा सा प्रयास है ,एक नया प्रयोग है | इस अंक में आकर्षक चित्रों के साथ कवितायेँ ,लेख,कहानी,ग्रन्थ समीक्षा,समाचार आदि प्रकाशित हैं |इसे जर्मन द्वारा जारी ISSN भी प्राप्त हो चुका है |  यह पत्र सर्वत्र निःशुल्क वितरित किया जाता है|












प्रिंट तथा सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी लाखों प्रतियाँ पूरे विश्व में प्रचारित प्रसारित की जा रही हैं | इस पत्र को यथावत डाउन लोड तथा प्रिंट करके कोई भी निःशुल्क वितरित करके अपना योगदान कर सकते हैं |इस पत्र का उद्देश्य प्राकृत भाषा के लेखन को प्रोत्साहित करना तथा भारत की एक समृद्ध प्राचीनतम भाषा से लोगों को परिचित कराना है |प्राकृत भाषा में रचित अपनी रचनाएँ,समाचार,शुभकामनायें,अथवा विज्ञापन/ सुझाव आदिpagadbhasa001@gmail.com पर प्रेषित कर सकते हैं अथवा 09711397716 पर संपर्क कर सकते हैं |

पागद-भासा के नए अंक की एक प्रति संलग्न है ,आपसे निवेदन है कि इसका परिचय,समाचार या समीक्षा अपने सम्मानित पत्र अथवा चैनल  में अवश्य प्रकाशित करने की कृपा करें

धन्यवाद

आपका
डॉ अनेकांत कुमार जैन
मानद संपादक -
'पागद भासा'(प्राकृत भाषा में प्रथम समाचार पत्र )
Office-
JIN FOUNDATION
A93/7A,Behind Nanda Hospital,
Chattarpur Extention
New Delhi-110074

1 comment:

जसवंत लोधी said...

शुभ लाभdeewani.blogspot. in