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24.2.16

ताज साहित्य उत्सव के तहत शाहजहां और मुमताज के बड़े पुत्र दाराशिकोह को याद किया गया

आगरा : ताज साहित्य उत्सव के तहत शाहजहां-मुमताज के बड़े पुत्र दाराशिकोह को याद किया गया। उसने रामायणए महाभारतए उपनिषदों का संस्कृत से फारसी में अनुवाद किया था। वह शायर भी था। उसका दीवान सिर्रे अकबर के नाम से छपा। सफीनतुल औलियाए सकीनतुल औलियाए मजमउल बहरैन आदि किताबें लिखीं। दाराशिकोह ने हिन्दू.मुस्लिमों में एकता का प्रयास किया। वे सहिष्णुता के प्रतीक थे। इसी कारण हम उन्हें यहां याद कर रहे हैं।


यह जानकारी दरेसी नम्बर.2 स्थित दाराशिकोह की लाइब्रेरी में साहित्यकारों की संगोष्ठी में दी गई। यहां आजकल कान्हीराम बाबूराम हायर सेकेंडरी स्कूल चलता है। माथुर वैश्य शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोण् ब्रजेश चन्द्रा ने कहा कि हम मिलकर इस स्थान को उपयोगी बनाएं। इसमें कोई शक नहीं है कि दाराशिकोह ने यहीं पर साहित्य साधना की। बाद में यह स्थान आजादी का केन्द्र बना। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फारसी विभाग के सहायक आचार्य डॉण् कमर आलम ने कहा कि दाराशिकोह सबसे काबिल और विद्वान शहजादा था। शाहजहां ने उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। गद्दी प्राप्ति की राजनीति में एक विशुद्ध साहित्यकार को मौत की नींद सुला दिया गया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ;एएमयूद्ध से आए डॉण् मोहम्मद फुरकान ने कहा कि इस चुंगी मैदान की याद क्रांति से भी जुड़ी हुई है।

कार्यक्रम संयोजक सैयद इख्तियार जाफरी ने बताया कि दाराशिकोह की अधिकांश किताबें जलकर नष्ट हो गईं। जो बची हैंए वे खुदाबख्श लाइब्रेरी पानीपत और रजा लाइब्रेरी रामपुर में हैं। अध्यक्षता करते हुए मैकश आगरा के अध्यक्ष सैयद अजमल अली शाह ने ताज साहित्य उत्सव के कार्यक्रम की सराहना की। आशा जताई कि लाइब्रेरी के दिन बहुरेंगे। उद्घाटन करते हुए ताज साहित्य उत्सव के निर्माता हरविजय सिंह बाहिया ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में यह बड़ी उपलब्धि है। 26 से 28 तक होटल क्लार्क्स शिराज में होने जा रहे उत्सव में सब पधारें। ताज साहित्य उत्सव के निदेशक अशोक जैन सीए ने समारोह का प्रारंभिक संचालन किया। उन्होंने कहा कि दाराशिकोह भारतीय साहित्य का अद्भुत सितारा था। दाराशिकोह से हम सहिष्णुता सीख सकते हैं। मंच पर राजनेता और साहित्यकार डॉण्सीपी रायए इतिहासकार डॉण् आरसी शर्मा भी विराजमान थे। वरिष्ठ चित्रकार डॉण् चित्रलेखा सिंह ने स्कूल की प्रधानाचार्य रचना शर्मा को लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें और शाहजहां.मुमताज की पेंटिंग भेंट की।

उन्होंने दाराशिकोह चित्रवीथिका का सुझाव दिया। डॉण् जेड हसन की अंग्रेजी पुस्तक दारा शिकोह का विमोचन किया गया। उर्दू में लिखी पुस्तक चेहरा.चेहरा का भी लोकार्पण किया गया। अतिथियों का स्वागत शम्भूनाथ चौबे ने खादी वस्त्र भेंट करके किया। सामाजिक कार्यकर्ता समी आगाईए डॉण् वत्सला प्रभाकरए होटल क्लार्क्स शिराज के एमपी सिंहए सुदर्शन दुआए सुशील जैनए संदेश जैनए रंगकर्मी अनिल शुक्ला आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना और पुरातन छायाकार असलम सलीमी का सम्मान किया गया। इस मौके पर लोकस्वर के अध्यक्ष राजीव गुप्ताए होटल क्लार्क्स शिराज के रूपक गुप्ताए डॉण् सिराज कुरैशीए इस्लामिया लोकल एजेंसी के अध्य़क्ष असलम कुरैशी ए वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवालए सैयद इरफान सलीमए पवन आगराए डॉण् हृदेश चौधरीए दिल ताजमहलीए शाहिद सलीम शम्सी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
डा.राधेश्याम द्विवेदी
पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा 282001


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