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26.3.16

गुड फ्राइडे की मार्मिक घटनाओं की नाट्य प्रस्तुति





वाराणसी 25.03.2016 प्रभु येशु ख्रीस्त की दु:खपीड़ा और सलीब पर उनकी शहादत के मर्मस्पर्शी और दारुण दृश्यों का मंचन प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने बड़ी संजीदगी के साथ किया| क्राइस्ट नगर स्थित मातृधाम आश्रम में गुड फ्राइडे (पुण्य शुक्रवार) के पवित्र दिन वाराणसी, पडोसी जनपदों और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में आये मसीही श्रद्धालु भक्तों ने इस ‘प्रेम बलिदान’ नाटक को बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ देखा|


येशु की गिरफ्तारी से पूर्व उनके घोर विरोधी महापुरोहित अन्नस और कैफस और येशु के शिष्य युदस इस्करियोती के बीच की गुप्त रणनीति के साथ नाटक का प्रारम्भ हुआ| उसके बाद गेथसेमनी बाग़ में येशु की गिरफ्तारी, धर्म संसद में उनपर बहुत से झूठे आरोपों को लगाए जाने और रोमी राज्यपाल पिलातुस के आदेश पर रोमी सिपाहियों द्वारा उन्हें चालीस कोड़ों से मारे जाने और यहूदी धर्मगुरुओं  के दबाव में आकर राज्यपाल पिलातुस द्वारा उन्हें मृत्युदण्ड दिए जाने के हृदयस्पर्शी दृश्यों की मार्मिक प्रस्तुति हुई |

येशु के कन्धों पर भारी क्रूस लादकर कलवारी पहाड़ की ओर दर्दभरी उनकी यात्रा के दौरान उनकी माता के साथ आंसुओं की धार के बीच मुलाक़ात, भारी क्रूस के नीचे सिपाहियों की मार खाते खाते येशु का बार बार गिरना, कलवारी पहाड़ पर उनका चीरहरण, क्रूस पर बड़े कीलों से उनकी हथेलियों और पाओं को ठोका जाना और अंत में क्रूस पर उनकी मृत्यु के दृश्यों को दर्शकों ने सजल आँखों से देखा| जब येशु के शव को क्रूस से उतारकर उनकी माता मरियम की गोद में रखने और कफन में लपेटकर कब्र में रखने के दृश्यों का मंचन हुआ तब कुछ दर्शक सिसकियाँ लेते रहे, और कोई फफक-फफक कर रो भी रहे थे|      

प्रभु येशु की भूमिका में मुकेश कुमार झंझरवाले ने जीवंत अभिनय करके सबको अभिभूत किया| अपने बेटे की पीडाओं को देखकर विलाप करती उनकी माँ मरियम की भूमिका को श्रीमती इंद्रासनी मिश्रा ने सुन्दर तरीके से अभिनय किया| सुरेन्द्र कुमार (महापुरोहित अन्नस), मोईन खान (महापुरोहित कैफस), विवेकानंद ब्रह्मचारी (यूदस इस्करियोती और राज्यपाल पिलातुस) ने सबको प्रभावित किया| येशु के शिष्य पेत्रुस, योहन और याकूब की भूमिकाओं में गणेश कुमार, गौरी शंकर नागवंशी और धनेश कोचे ने सुन्दर अभिनय किया| अमित यादव,  अजय पाल, शिव चौहान एवं अजय चौहान रोमी सिपाहियों की क्रूरता को दर्शाने में सफल रहे|  मुक्तेश्वर मिश्र और नेहा वर्मा ने सूत्रधारों की भूमिका निभाई | प्रज्ञान सिंह, अजीत गौरव, अमरदीप, संतोष और अशोक ने पुरोहितों का किरदार निभाया तो सीता, रेनू पटेल, पिंकी, प्रियंका, रिमिका और प्रियंका आइंद ने येशु के नारी शिष्यों के रूप में मंच पर आयी| इस नाटक का आलेख एवं निर्देशन फादर आनंद ने किया जिसमे प्रदीप दीपक ने गायन और संगीत निर्देशन भी किया|

नाटक के पूर्व मातृधाम आश्रम के आचार्य स्वामी अनिल देव, आश्रम के प्रभारी स्वामी अक्षय, स्वामी सत्यानन्द और फादर मैथ्यू रावत ने सलीब पर से येशु के द्वारा कहे गये सात वचनों पर व्याख्यान दिया| स्वामी अनिल देव ने कहा कि जिस तरह येशु ने सलीब पर से घोर पीड़ा के बीच में भी अपने शत्रुओं के क्षमा देते हुए “हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते की ये क्या कर रहे हैं” कहा, उसी तरह आज विरोधियों को क्षमा देने से ही आतंकवाद और हर तरह की वैमनस्यता समाप्त होगी| नाटक के मंचन के बाद आये हुए भक्तों ने समस्त संसार की आवश्यकताओं के लिए विशेष सामूहिक प्रार्थना की| क्रूस की आराधना के द्वारा सभा समाप्त हुई|

ज्ञातव्य हो कि पिचले बीस वर्षों से गुड फ्राइडे के दिन मातृधाम आश्रम में ऐसा आयोजन होता है जिसमे भाग लेने के लिए उत्तर भारत के विभिन राज्यों से श्रद्धालु भक्त आते हैं क्य्प्नकी इस तरह का आयोजन और कहीं नहीं होता है| इस वर्ष दिल्ली, गुजरात, ओडिशा, बंगाल, झारखंड  और बिहार से लोग आये हुए थे| स्वामी अनिल देव ने कहा कि इस भक्ति के कार्यक्रम के दौरान प्रति वर्ष बहुत से लोगों को शारीरिक चंगाई और मन की शान्ति का विशेष अनुभव होता है|

फादर आनद आई. एम्. एस.
निदेशक, प्रेरणा कला मंच
+919598604926

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