Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

16.3.16

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ श्रमिक बनती जा रही हैं महिलाएं : प्रो. सुचेता सेन चौधरी

महिला अध्ययन विभाग द्वारा ‘हैंडीक्राफ्ट एंड सस्टेनेबल लाइवलीहुड’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्टी आयोजित



भोपाल। महिलाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ श्रमिक बनती जा रही हैं, महिलाओं का उपयोग कृषि कार्यों से लेकर कंपनी तक में हो रहा है लेकिन रचनातमक और नेतृत्व के कार्य उन्हें नहीं सौंपे जाते हैं। यहां उनकी भूमिका बहुत कम है, यह बात मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्याले के महिला अध्ययन विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय संगोष्टी में स्वदेशी संस्कृति के अध्ययन केंद्र झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष्य प्रो. सुचेता सेन चौधरी ने कहा। संगोष्टी में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति आई.एस चैहान, अध्यक्ष बीयू कुलपति प्रो. एम डी तिवारी और महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. आशा शुक्ला मौजूद थी।

श्रीमति सेन ने कहा कि हेंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं को हस्तकला के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, उनके द्वारा बनाए जा रहे क्राफ्ट देश-विदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बाजार में बेचे जा रहे हैं। जिसका लाभ सीधे तौर पर उन्हे नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा कई योजनाएं हेंडीक्राफ्ट उद्योग को बढावा देने के लिए चलाई जा रही हैं लेकिन जानकारी के आभाव में इन योजनाओं का फायदा किसी भी कारीगर को नहीं मिल रहा है।

मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति आई.एस चौहान ने कहा कि हस्तकला कार्यों में अदिवासी समुदाय का बहुत बढ़ा योगदान रहा है। हमें उनकी इस प्रतिभा को निखारने के लिए योजनाबद्ध तरिके से कार्य करना होगा जिससे उनकी ये कला वैश्विक स्तर पर पहचानी जा सके। जब सुदुंण जीविका की बात होती है तो सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं होती हम पूरे आदिवासी समुदाय के बारें में सोचते हैं। हमें उनके लिए ऐसा काम करना चाहिए जिससे उन्हे इस कार्य का लाभ पहुंचे।

कुलपति प्रो.एम डी तिवारी ने कहा कि हेंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। सेमिनार और संगोष्टियां पहले भी होती रही हैं लेकिन महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. आशा शुक्ला के प्रयासों से हमने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हमारी कोशिश है हम ऐसे गावों के लोगों को प्राशिक्षण दे जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्तिथि में सुधार आए। महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. आशा शुक्ला ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक सुधार ने के लिए महिला अध्ययन विभाग पिछले एक दशक से लगातार काम कर रहा है। इस काम में अनेक सहयोगियों ने अपनी महती भूमिका निभाई है।

सेमिनार में अतिथियों द्वारा महिला अध्ययन विभाग द्वारा विभाग की शोध पत्रिका, समाचार संवाद पत्रिका एवं राष्ट्रीय संगोष्टी का शोध सारांश पुस्तिका का लोकार्पण किया गया विभाग हर साल समाचार संवाद पत्रिका के माध्यम से बीते साल की गई समस्त गतिविधियों के संक्षिप्त समाचार प्रकाशित करता है। इसके अलावा आगामी साल में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में शोध पत्रों का वाचन किया गया। सेमिनार में प्रो. एच.एस यादव, डा. रूची घोष, प्रो. सतीष चंद्रा, शिव कुमार पांडे,  डा. शफीकुननिसा, डॉ रफत, डॉ. अनिता धुर्वे थे और डा. जया फूकन, सहायक प्रध्यापिका महिला अध्ययन विभाग, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने आभार व्यक्त किया।

No comments: