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25.4.16

सृजन पक्ष की वर्षगांठ पर साहित्यकारों ने किया विमर्श


भोपाल। साहित्यकारों की प्रतिनिधि डेली आन लाइन मैगजीन "सृजन पक्ष" का एक वर्ष पूर्ण हो जाने पर भोपाल के हिंदी भवन में समारोह का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों से आये साहित्यकारों ने भी शामिल होकर साहित्य के विविध पक्षों पर चर्चा और रचना पाठ किया। उद्घाटन सत्र में अध्यक्ष मंडल के प्रतिनिधियों में सर्व श्री सूरज प्रकाश, राम किशोर मेहता, ए. असफल की अध्यक्षता में मणि मोहन जी के संचालन में सृजन पक्ष के एडमिन सुरेन्द्र रघुवंशी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह एक ऐसी दैनिक ऑन लाइन पत्रिका है जिससे व्हाट्सएप्प तथा फेसबुक पर बड़ी संख्या में देशभर के साहित्यकार जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमें ख़ुशी है कि सृजन पक्ष की प्रथम वर्षगाँठ पर आभासी दुनिया के लोग आज वास्तविक दुनिया में प्रकट होकर अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।



समारोह के स्थानीय आयोजक मनोज जैन मधुर ने झीलों की नगरी भोपाल में आये साहित्य साधकों के सम्मान में स्वागत भाषण दिया तथा सृजन पक्ष की सह एडमिन मधु सक्सेना को सभी की और से उनके जन्मदिन पर बधाई दी। कार्यक्रम के दौरान देशभर के विभिन्न शहरों से आये सृजन पाँखियों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये। आभासी दुनिया में अभिव्यक्ति नामक इस विषय पर रचना ग्रोवर, डॉ.राकेश पाठक, राग तैलंग, ब्रज श्रीवास्तव, भूपेन्द्र कौर, निर्देश निधि, राजनारायण बोहरे, सुधीर देशपांडे, राजा अवस्थी, अर्चना मिश्र, सुरेन्द्र रघुवंशी, विनीता राहुरिकर, मणि मोहन, राम किशोर मेहता, ए. असफल, सूरज प्रकाश आदि ने प्रमुखता से अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ब्रज श्रीवास्तव के संचालन में साहित्य के सामाजिक सरोकार पर हिन्दी के प्रमुख कवि राजेश जोशी, महेंद्र गगन, राकेश पाठक, राजेश कुलकर्णी, मनोज जैन मधुर, शाहनाज इमरानी, राधा श्रोत्रिय, सुरेन्द्र रघुवंशी, अरुणा द्विवेदी, सुरेन, दुष्यंत, मधु सक्सेना के साथ अन्य साहित्यकारों ने भी कविता-पाठ किया। आयोजन के तीसरे सत्र में डॉ. राकेश पाठक के संचालन में प्रसिद्ध कथाकार, सूरज प्रकाश, ए. असफल ने कहानी तथा डॉ. अर्चना मिश्र ने अपनी लघुकथा का पाठ किया। दोनों कहानियों तथा लघुकथा पर राजनारायण बोहरे द्वारा विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम के अंत में मनोज जैन मधुर ने सभी अतिथि तथा स्थानीय रचनाकारों का आभार प्रदर्शन किया।

ए.असफल की रिपोर्ट

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