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14.6.16

सलमान की सनक, अरिजीत सिंह की कसक

NEERAJ CHOUDHARY 
अक़बर के बारे में कहा जाता है कि, वो जमुना किनारे सूर्य को अर्घ्य भी
देता था और नमाज़ भी पढ़ता था। नाटे क़द का अक़बर राजनीति, कुशल रणनीति और
विरोधियों को गिराने-उठाने में पारंगत था। कुछ इतिहासकार उसे पक्का
नौटंकीबाज भी बताते हैं, बिल्कुल आजकल के नेताओं की तरह। मौज़ूदा दौर के
नेता भी उसी तर्ज़ पर रहते हैं कि, ‛गंगा गए तो गंगादास, जमुना गए तो
जमुनादास।’

ठीक इसी तर्ज़ पर अपने बॉलीवुड वाले सल्लू मियाँ उर्फ़ सलमान खान का काम
है। मध्य प्रदेश की धरती पर जन्मने के बाद जीवन के 50 बसन्त देख चुके
कथित कुंवारे सलमान खान को कुछ लोग मसीहा के रूप में प्रचारित करते हैं।
कहते हैं कि सलमान भाई ने हिमेश रेशमियां, ऐश्वर्या, कटरीना, सूरज
पंचोली, डेजी शाह....और न जाने किस-किस को सितारा बनाया। लेकिन वे लोग यह
नहीं जानते कि सल्लू मियाँ अक़बर की तरह नौटंकी करने में महिर हैं। अब
चाहे उसके पीछे किसी की भी सोच हो। इसका उदाहरण हम इससे समझ सकते हैं कि,
जो हीरो अपनी हर फ़िल्म ईद पर रिलीज़ करता है; वो हर साल गणेश उत्सव भी
प्रतीकात्मक तौर पर मनाता है। एक बार किसी मौलवी ने सलमान के घर होने
वाली गणेश पूजा पर आपत्ति जताई तो उनके भाई अरबाज़ ने दो टूक कह दिया कि,
‛इस बार छोटे गणपति बिठाए हैं, अब अगली बार इससे बड़े विराजेंगे।' जबकि एक
बार किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकार ने पूछ लिया-‛सलमान भाई, गणेश
चतुर्थी और ईद के त्यौहार में महज़ कुछ दिनों का ही गैप है; तो आप चतुर्थी
पर अपनी फ़िल्म रिलीज़ क्यों नहीं करते ? बस, इतना सुनते ही भाई ताव में आ
गए और पत्रकार की हुज़्ज़त कर डाली। ये दोनों पहलू हैं भाई के।
बहरहाल, इतना तय है कि बॉलीवुड में वन मैन आर्मी की तरह स्थापित इस
व्यक्ति के पीछे एक बड़ी पत्रकारों, रणनीतिकारों और कानूनी सलाहकारों समेत
बड़ी पीआर कंपनी की टीम काम करती है। उनके नाम यहां लिखना ठीक नहीं।
ख़ैर, सल्लू मियाँ वन मैन आर्मी इसलिए हैं; क्योंकि वे किसी भी केस से
बाल-बाल बच निकलते हैं। हर काम को हैंडल कर लेते हैं। फिल्मों में तो
अपना अतिआत्मविश्वास वाली एक्टिंग दिखाते ही हैं। इसके अलावा हर किसी
राजनीतिक पार्टी में उसकी ट्यूनिंग है। देश के लड़के-लड़कियां तो क्या,
नेता भी क़ुर्बान हैं सल्लू मियाँ पर । आख़िर, होंगे भी क्यों नहीं ? थोक
वोट बैंक जो है हाथ में। जो सल्लू मियाँ कभी कांग्रेस के लिए रोड शो करते
थे, वे मौक़ा पाते ही बीजेपी के कद्दावर नेता नरेंद्र मोदी के साथ
पतंगबाज़ी करने लगे। शायद ! यही वजह थी कि वे कुछ प्रकरणों से बच निकले।
इतनी बात इसलिए लिखनी पड़ रही है, क्योंकि जिस सलमान भाई को कूल डूड और
हॉट बेबियां मसीहा, क्यूट, स्मार्ट और बलवान समझते हैं; वो अंदर उतना की
चपल, चालक और चतुर है। यानी उतना ही बदमाश, तिकड़मी और भीतर से उतना ही
कमज़ोर है। पचास बसन्त देख चुके उस कथित गबरू जवान ने अपनी सनक और सिर्फ
सनक में कइयों का जीवन तबाह कर दिया। इसका मज़मून देखना हो तो कभी यूट्यूब
पर जाओ और वहां आजतक चैनल के पत्रकार राहुल कंवल के साथ सलमान का एक
साक्षात्कार देखो। समझ में आ जाएगा। वो इसलिए क्योंकि बन्दा पत्रकार को
ही नहीं बख़्श रहा। जबकि उसका भाई शांत और सौम्य स्वभाव से उत्तर दे रहा
था।

वाकई, ठीक इसी भांति उनका सिक्का बॉलीवुड में चलता है। उसने कई लोगों को
मिटा दिया। शायद! यही वजह रही कि मांगलिक होने के बाद भी सलमान की
भूतपूर्व प्रेमिका कही जाने वाली ऐश्वर्या ने इंडस्ट्री के महानायक के
‛लायक’ बेटे की बाहों में शरण ले ली। ख़ैर, अब वो भी ठहर सी गई हैं।
एक्का-दुक्का फिल्मों में ही आ रहीं हैं। उस सल्लू मियाँ की सनक और रंजिश
के चलते सुरेश ओबेरॉय जैसी हस्ती की उभरती प्रतिभा यानी विवेक ओबेरॉय का
दम घुट गया। बॉलीवुड का कोई भी निर्माता- निर्देशक विवेक से ऐसे दूरी
बनाये हुए है जैसे कहीं उससे संक्रमण फैलता हो। अब बारी आ गई ख्यात गायक
अरिजीत सिंह के कैरियर तबाह होने की।
दरअसल, नवोदित पार्श्व गायक अरिजीत सिंह ने मज़ाकिया लहज़े में एक मंच पर
सलमान की बातों को बोरिंग और पकाऊ बोल दिया। बस, सल्लू मियाँ इसे दिल पे
ले गए और अपनी कमिंग सून फ़िल्म ‛‛सुल्तान’’ से अरिजीत की आवाज़ में गाए गए
‛जग घुमया' गाने को उस्ताद राहत फ़तेह अली खाँ से गवा लिया।

बहरहाल, ईद पर ग़रीब मुस्लिम नौजवानों के ख़ून-पसीने से कमाए गए रुपयों की
बलि लेकर अपनी फ़िल्म हिट करवाने वाले सलमान भाई को इस बात का गुरूर है
कि, उनके लाखों फेन-फॉलोवर्स हैं। जैसे साधु-सन्तों के भक्तों की वजह से
नेता वोट के लालच में उनकी परिक्रमा करते हैं; ठीक उसी तरह सलमान को भी
इसी बात की ग़फ़लत है कि, वोट बैंक की वज़ह से हर पार्टी उनको तबज़्ज़ो देती
है। मग़र, घमण्ड, इगो और एटिट्यूड का अंत होता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण
है कि देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को लोकसभा चुनावों में फ़तह दिलाने
में मुख्य भूमिका निभाने वाले कैम्पैग्नेर प्रशांत किशोर को अमित शाह का
एटिट्यूड रास न आया तो उन्होंने कुछ नहीं तो बीजेपी को बिहार हरवा दिया।
ख़ैर, देखते हैं ये सल्लू मियाँ की हेंकड़ी कब तक बरक़रार रहती है। क्या कोई
बॉलीवुड का प्रशांत किशोर इसको झुका पायेगा ?

नीरज चौधरी 
njsh532@gmail.com
पत्रकार
प्रेस कॉम्पलेक्स, भोपाल
मोबा- 9425724481

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