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15.10.16

बिहार में राशन उपलब्ध कराने की सम्पूर्ण जानकारी वेबसाइट पर अपलोड नहीं

“केंद्र सरकार के सर्वर पर जगह नहीं है रहने के कारण बिहार में जिन परिवारों को राशन दिया जाता है इसकी सूची प्रकाशित नहीं की गयी है”... आज सेवा सेतु द्वारा दायर लोक शिकायत परिवाद की सुनवाई के दौरना बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोगता संरक्षण विभाग के IT मैनेजर ने यह बात बताई....

क्या है मामला ?

बिहार में किन परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना (PHH) और अन्त्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत राशन उपलब्ध कराया जा रहा है इसकी सम्पूर्ण जानकारी खाद्य एवं उपभोगता संरक्षण विभाग के वेब साईट पर सार्वजनिक नहीं किया गया है.


क्या हैं मुश्किलें?

इन दिनों बिहार में राशन कार्ड धारक परिवारों का SECC- 2011 के डाटा से मिलान किया जा रहा है. विभाग का कहना है कि जिन लोगों का SECC के डाटा में नाम होगा उन्ही लोगों को अगले आदेश से राशन वितरण किया जाएगा. वेब साईट पर सभी सूचनाएं नहीं रहने के कारण डीलर ग्रामीणों को अक्सर भ्रम में डाल देते हैं. डीलर यह कह कर राशन नहीं देते हैं कि उनका नाम राशन लिस्ट से किसी वजह से कट गया है. वेब साईट पर लाभुकों की सूचि नहीं रहने से राशन के मुद्दों पर काम करने वाले संस्थाओं और संगठनों को काफी मुश्किल होती है. राजस्थान, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि कई राज्यों ने यह जानकारी अपने विभाग की वेब साईट पर उपलब्ध कराया है.

लोक शिकायत के सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

विभागीय लोक शिकायत निवारण पधाधिकारी खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और सेवा सेतू के  प्रतिनिधि उज्ज्वल कुमार और आभाष आनंद ने सुनवाई के दौरना अपने पक्षों को रखा. सुनवाई के दौरान लोक शिकायत निवारण पधाधिकारी ने कहा कि “यह शिकायत इस कानून के अधिकार क्षेत्र से बाहर है”, मगर मामले के गंभीरता को देखते हुए उन्होंने विभाग के IT अधिकारी को बुला कर उनका पक्ष सुना. IT मैनेजर श्री नीतीश का कहना था कि “केंद्र सरकार के सर्वर पर जगह नहीं रहने के कारण AAY और PHH के सभी लाभुकों की सूचि का प्रकाशन नहीं किया जा सका है. हमने दो बार केंद्र को लाभुकों की सूचि सौपीं है मगर उनके सर्वर पर जगह नही रहने के कारण सिर्फ एक सूचि का प्रकाशन किया जा सका है. केंद्र सरकार कब तक सर्वर पर स्थान उपलब्ध कराएगी इसकी सूचना उपलब्ध नहीं है”. दोंनो पक्षों को सुनने के बाद इस मामले को विभागीय लोक शिकायत निवारण पधाधिकारी ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को अंतरण कर दिया है.

परिवादी का क्या कहना है?

सेवा सेतू के प्रतिनिधि उज्ज्वल कुमार का कहना है कि “भले ही इस सुनवाई से विभागीय समस्या की जानकारी मिल गयी मगर इस सूचना में काफी अनिश्चितता है. विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है कि कब तक लाभुकों के नाम वेब साईट पर प्रकशित कर सकेंगे. RTI से ऐसी सूचना प्राप्त करने में काफी समय लगेगा. जब तक केंद्र सरकार सर्वर पर स्थान उपलब्ध नहीं करा पाती है तब तक विभाग को यह सूचना उपलब्ध कराने का वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. जैसे निर्वाचन आयोग वोटरों की सूचि का CD देती है वैसे ही खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को लाभुकों का लिस्ट डिजिटल रूप में देने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि राशन के मुद्दे पर काम करने वाले संस्थाओं और संगठनो को लोगों का काम करने में सुविधा हो.”

उज्ज्वल कुमार
+91-9572326737
ujjawalkumarchaubey@gmail.com

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