Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

9.10.16

हम असुर लोग इस धोखे की निंदा करते हैं

कोलकाता की एक संस्था ने धोखे से हम असुरों को बुलाकर महिषासुर शहादत अभियान को बदनाम करने की कोशिश की. इसका हम असुर समुदाय घोर निंदा करते हैं. हम असुर कोलकाता के किसी आयोजन में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. हमारे संगठन की महासचिव वंदना टेटे ने आयोजकों को बता दिया है दुर्गा पूजा के किसी आयोजन में असुर लोग भाग नहीं लेंगे. यह आर्यों का छल-बल का पुराना तरीका है.


वंदना टेटे के मुताबिक मुझसे संपर्क करने वाले व्यक्ति सुभाष राय ने खुद को ‘साल्टलेक एफई ब्लॉक रेसिडेंट एसोसिएशन’ का सदस्य बताया था और कहा था कि हमलोग शरद उत्सव का सांस्कृतिक उत्सव कर रहे हें, उसमें आप लोग आइए. आने के लिए 9 लोगों का स्लीपर टिकट भी भेजा था. लेकिन जब हम लोगों को मालूम हुआ कि बंगाल के अखबार में ऐसी खबर छपी है कि सुषमा असुर और उसके साथ दुर्गा पूजा का उद्घाटन करेंगे तो हम असुरों को बहुत धक्का लगा. हमने अपने संगठन के माध्यम से पूरे मामले की पड़ताल की. तब सच्चाई उजागर हुआ कि हम असुरों को धोखे से बुलाया जा रहा था.

वंदना टेटे/सुषमा असुर
झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा
झारखंड
toakhra@gmail.com

1 comment:

Unknown said...

dear sir, these all are mythological stories. there is no truth about in this story. Mahishasur is a symbol of ego and durga is a symbol of inner pure power. so, don't fight about it.