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18.10.16

आओ सर्जिकल स्ट्राइक - सर्जिकल स्ट्राइक खेलें

व्यंग्य...
सचमुच हमारा देश महान है। इसकी महानता का भान इंसानों को ही नहीं देवताओं व जानवरों को भी समय-समय (चुनाव के अलावा ) हमारे राजनीतिक दल व खबरिया चैनल कराते रहते हैं। ज्यादा पीछे न भी जाएं तो हाल-फिलहाल की गतिविधियां ही काफी हैं। ताजा मामला भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का है। अभी मैं इसकी ऐतिहासिकता पर बात नहीं करूंगा कि यह पहली बार हुई है या पहले भी हो चुकी है। मैं इसके सबूत मांगे जाने और खून की दलाली की चर्चा कर हिंदू राष्ट्रभक्त होने के तमगे से भी वंचित नहीं होना चाहता।


फिलहाल एक नजर सर्जिकल स्ट्राइक के बयार के बीच हाल के बयानों पर। एक नजर डालना इसलिए भी जरूरी है कि ये ऐरे-गैरे या चलताऊ नहीं हैं। ये ऐतिहासिक होने के साथ-साथ रहस्यवादी भी हैं। अगर सर्जिकल स्ट्राइक न होती तो न हमारी सेना को अपनी शक्ति का पता चलता और न ही जनता जनार्दन को। हमें यह भी पता न चलता कि पहली सर्जिकल स्ट्राइक राम भक्त हनुमान ने की थी। वे समुंद्र लांघकर रावण की लंका में घुसे और उसे तहस-नहस कर चले आये। आकर बताया इसलिए नहीं कि तब डीजीएम ओ का पद था नहीं। हलांकि कुछ विरोधियों का कहना है कि पहली सर्जिकल स्ट्राइक रावण ने की थी। वह लंका से आयख और सीता को उसी तरह से उठा ले गया जिस तरह से दिल्ली पुलिस आम आदमी पार्टी के विधायकों को उठा रही है।

अब जब हमारे नेताओं को एक तीर से कई निशाने करने की आदत पड़ गयी है तो हमारे सीधे-सादे रक्षा मंत्री भला पीछे कैसे रहते। लगे हाथ उन्होंने रहस्य से पर्दा ही नहीं हटाया प्रधानमंत्री का हमारी सेना ही नहीं रक्षा मंत्री भी बोलते हैं संबंधी कर्ज भी उतार दिया। उन्होंने अपने से ज्यादा श्रेय पीएम साहेब को दे दिया।

सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने ही सही आज कबीर दास जी का दोहा , " गुरु-गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पायं, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय। न हमारे प्रधानमंत्री परिकर (गोवा के मुख्यमंत्री) साहब को गोवा से बुलवाकर न रक्षामंत्री बनाते तो न सेना को अपनी खोयी ताकत का पता चलता, न सर्जिकल स्ट्राइक जैसा अति महान कार्य होता और न ही यह पता चलता कि सर्जिकल स्ट्राइक की प्रेरणा कम साहस संघ की शाखा से मिला था।

विरोधियों सावधान। अब हमारे रक्षा मंत्री पूरे फार्म में आ गये हैं। तैयार रहिए एक से एक रहस्य से पर्दा हटेगा। बहुत जल्दी पूरे देश को ही नहीं विश्व को पता चलने वाला है कि , सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल सेना के कमांडोज को संघ की शाखा में संघ प्रमुख के नेतृत्व में प्रशिक्षित किया गया था। हो सकता है कि सर्जिकल स्ट्राइक की रहस्यमयी कामयाबी से प्रेरित होकर अमेरिका, रूस और चीन की सेनाएं संघ के दंडधारियों/दंडवाहकों के साथ सैन्य अभ्यास करें।

हम ही नहीं हमारी सात पुश्तें भी नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी की आभारी रहेंगी जिन्होंने एक आई.आईटीएन मनोहर परिकर को रक्षामंत्री बनाया। अगर हमारे रक्षा मंत्री गोविंद हैं तो मोदी जी " गुरू " हैं।
गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पायं।
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।।

अरुण श्रीवास्तव
देहरादून
07017748031
arun.srivastava06@gmail.com

1 comment:

Jitendra said...

Very very good Arun ji.