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17.11.16

मीडिया का बाप " भड़ास 4 मीडिया " Media ka Baap '' Bhadas 4 Media ''









11 सितम्बर 2016 को देश की राजधानी में एक छत के नीचे देश के नामचीन पत्रकार जमा हुए। और इतिहास में दर्ज हो गया ये दिन जब भड़ास का आठवां जन्मदिन मनाया गया। कांस्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हाल में एक बजे से लेकर रात आठ बजे तक चले कार्यक्रम में लगभग पांच सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए, करीब सवा सौ लोग दिल्ली के बाहर से आए थे।


यशस्वी यशवंत सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत बड़े ही निराले ढंग से की, गीत संगीत से हॉल का माहौल मानो ऐसा हो गया जैसे शादी में जाने के लिये नए कपडे पहनने पर इत्र, परफ्यूम से स्वम् को महका दिया हो। मधुर आवाज के साथ ध्यानेंद्र मणि त्रिपाठी ने समां बांध दिया। हालांकि सरकारी हॉल में साउंड अरेंजमेंट ने कुछ देर ध्यान भंग भी किया लेकिन मधुर आवाजके साथ सुरीले गीतों से आत्ममुग्ध हो गए।

कार्यक्रम की रुपरेखा इस तरह तैयार की गयी कि एक बाद एक रोचक तथ्यों के साथ मंच पर विराजमान मुख्य वक्ता चर्चित आईआरएस अधिकारी एसके श्रीवास्तव, ओम थानवी, एनके सिंह और आनंद स्वरूप वर्मा ने मीडिया को लेकर अपने- अपने विचार रखे और नई पीढ़ी को साथ लेकर चलने का ईशारा भी सीनियर पत्रकारो के लिये किया। जस्टिस मार्कंडेय काटजू को बुखार था वो नहीं आये, उनसे मिलने की तम्मना लिए अलवर से दिल्ली आया लेकिन मौसमी बुखार ने अरमानों पर पानी फेर दिया।

कार्यक्रम मीडिया के बाप की सही व्याख्या आईआरएस अफसर एसके श्रीवास्तव ने की, उन्होंने अपनी उपस्थिति और पिछले कई वर्षो की सच्चाई के लिये लड़ाई से ये बता दिया कि प्रशासनिक ढांचे में यदि कोई यशवंत सिंह है तो वो है। उन्होंने सिस्टम से लड़ने भिड़ने की अपनी कहानी, चिदंबरम - प्रणय राय के काले धन के खेल और मीडिया की नपुंसकता को जब विस्तार से उजागर किया गया तो स्पीकर हाल में बैठे श्रोताओं के रोंगटे खड़े हो गए। और हॉल ने करतल ध्वनि के साथ उनके जज्बे, साहस, और छोटी सी यात्रा में बड़े बड़ो को सबक सिखाने की कला को सलाम किया।

आईआरएस अधिकारी एसके श्रीवास्तव के बाद वरिष्ठम् पत्रकार ओम थानवी ने मीडिया की थाह का अहसास कराया वही आनंद स्वरूप वर्मा ने मीडिया के स्वरुप की व्याख्या की। एनके सिंह ने मीडिया के चाल चरित्र चेहरे पर उठाए गए कई किस्म के सवालों का जवाब देने की कोशिश की। साथ ही भड़ास को कुछ सकारात्मकता से जुडी हुई बातें नई पीढ़ी के मीडियाकर्मियों के सामने रखने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का उदघाटन लखनऊ से आए डेली न्यूज एक्टिविस्ट अखबार के चेयरमैन और शकुतंला मिश्रा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर निशीथ राय ने दीप जलाकर किया। वही कार्यक्रम में शरीक हुए ध्यानेंद्र मणि त्रिपाठी का गीत-संगीत रमणीय था, प्रत्यूष पुष्कर ने अंतिम वक्ता के रूप में सवालों के जवाबो के साथ सबका ध्यान खींच लिया। कृष्ण कल्पित ने शराबी की सूक्तियां सुनाकर उन्हें समझने वाले श्रोताओ की खूब तालियां बटोरी।

युवा अभिषेक मिश्रा ने किस तरह से यू ट्यूब के जरिये कमाई की और किस तरह एक पत्रकार अपनी कला से हुनर से वीडियो , खबरे , फोटो अपलोड कर ईमानदारी से पैसा कमा सकते है। उसका लाइव प्रजेंटेशन किया, हालांकि लगभग सभी के ऊपर से निकल गया, सीख नहीं पाया कोई उसके लिये भविष्य में कभी अलग से समय निकालकर इस पर फिर से चर्चा करना उचित समझा।

भड़ास के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पहली बार मुझे लगा कि जिस तरह से भड़ास पत्रकारिता कर रहा है। उस का वो ही स्वरूप लिए अलवर जिले में मैं भी कसमसा रहा हूँ, जिद के साथ सच को उगलने की कला का तरीका लगभग वैसा ही है उसे और निखारने के लिए यशवंत जी के साथ कुछ समय बिताकर अच्छा करना सीखना होगा।

एक कसक रही मन में कि जिन केटेगरी में अवार्ड दिए गए उसके लिये मै थोडा लेट हो गया। लेकिन जज्बा और जूनून के साथ जिस तरह लगातार रसूखदारों के , नेताओं के काले कारनामो का खुलासा कर रहा हूँ। सम्भव्यता भड़ास के अगले जन्मदिन पर अपनी उपस्थिति अवार्डी के रूप में दर्ज कराऊँ।

यशवंत जी को शुक्रिया मुझे निमंत्रण देने के लिये। मुझे यशवंत जी से मिलकर अहसास हुआ कि एक यशवंत अलवर में भी जी रहा है। वास्तव में मीडिया का बाप है भड़ास। टी शर्ट मिली जिसे पहनकर आत्मा भी जुनूनी हो गयी। कुछ फोटो है जो शेयर कर रहा हूँ मेरे कैमरे से ली हुई।

Hemant Jaiman
reporterjaiman@gmail.com

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