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30.11.16

नोटबंदी से लघु उद्योगपतियों और किसानों को सदमा लगा है, इनके कर्ज माफ करें

आदरणीय,
श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी
प्रधानमंत्री ,भारत सरकार

विषय : लघु उद्योगपतियों व किसानों के ऋण माफी हेतु आवेदन।

महोदय,

मैं यह पत्र बतौर देश  के सजग एवं ईमानदार नागरिक होने के नाते आपको प्रेषित  कर कर रहा हूं। न ही मेरा प्रयोजन निजी हित का है न ही किसी तरह का निम्न राजनीतिक अभिप्राय । देश  की भलाई व विकास क लिए आपने दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पहला पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक  दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फैसला विमुद्रीकरण का । नोटबंदी या वास्तव में कहे तो नोटबदली के इस फैसले का आम नागरिक ने खुले दिल से समर्थन किया है। इस फैसले से दूरगामी स्वर्णिम लाभ देश  को होंगे  इसमें कोई संदेह नहीं। फिलहाल आपके इस फैसले से दो ऐसे वर्ग हैं जिन्हें वर्तमान में सबसे अधिक कष्ट  सहना पड रहा है। पहला वर्ग है लघु उद्योगपति ,दूसरा वर्ग है किसान। ये दोनों ही वर्ग आपके इस फैसले के बाद आपकी ओर सकरात्मक नजरिए से देख रहा है। ये अगर निराश होते हैं तो ये देश  के सबसे बडे वर्ग को गहरा सदमा लगेगा।


विपक्ष आपकी सरकार पर लगातार ये आरोप लगा रहा है कि आपने देश  के करीब एक हजार बडे उद्योगपति को बैंक ऋण माफ किए हैं साथ ही अप्रत्यक्ष तरीके से काफी लाभ पहुंचाया  है।इस आरोप में कितनी सच्चाई है ये विपक्ष और आप ही जान सकते हैं। एक बात जो सबसे अहम है वह है इन बातों से है कि छोटे उद्योगपति  व किसानों में संशय  की स्थिति है। लघु  उद्योग संचालित करने वालों  व किसानों को एकबारगी विपक्ष पर विश्वास  नहीं है लेकिन आपकी सरकार पर बडे उद्योगपतियों को अवांछित  लाभ देने की बात को दिल के एक कोने में दबाए हुए है। मसलन,छोटे उद्योगपति और किसान को एक आशा  की किरण आपसे दिखाई दे रही है कि सरकार आनेवाले दिनों में उनके छोटी रकम के लोन को माफ कर देगी। ऐसे में आपकी सरकार को ये चाहिए कि दस लाख तक के लोन को माफ किया जाए।

अगर ये फैसला आप लेते हैं तो आपकी साख चौगुना हो जाएगी साथ ही विपक्षी पार्टियों को उनका जवाब आसानी से मिल जाएगा। क्योंकि आए दिन बड़े  उधोगपतियों के कर्ज माफी की बात से इन दोनों वर्गों  को काफी दुख होता है। आपने जब कालाधन लाने की बात कर सभी को पंद्रह लाख रूपये देने की बात कही थी तो इन वर्गाे के अलावा सबसे अधिक ख़ुशी देश  के युवा वर्ग को भी हुआ था। इस फैसले से आपके वायदे भी सच होंगे।

प्रधानमंत्री जी, आपकी साख पर भरोसा  करते हुए देश  की नब्बे फीसद जनता भूखे प्यासे बैंको एवं एटीएम के बाहर देश  के विकास के लिए बिना सवाल किए खडी है। उन्हें  आप पर भरोसा है। आपने पचास दिन मांगे वो आपसे बिना तर्क के पचास नहीं सौ दिन देने के लिए तैयार है। वरना इस देश  में अब मां बाप को भी लोग एक दिन देने के लिए तैयार नहीं दिखता है।

ऐसे में क्या आप इन किसानों व छोेटे उद्योगपतियों के लिए दस लाख तक के ऋण माफ नहीं करेंगें? क्या, अब इन बडे पूंजीपतियों को लाइन में खडा होने का अधिकार नही है,जिसने पूरे तंत्र को अपने बाप की जागीर समझ रखी है? अगर दस लाख तक के लोन माफ नहीं किए जाएंगे तो क्या ये समझ लिया जाए कि लोन माफी बडे पूंजीपतियों के ही होते हैं? अतः, मैं आपसे आदरपूर्वक ये मांग करता हूं कि किसान एवं छोटे उद्योगपतियों के दस लाख तक के लोन माफ कर दिऐ जाए ताकि हम जैसे युवाओं के मन मे कोई संदेह न हो कि हो सकता है कि आपकी सरकार वाकई में बडे उधोगपतियों व पूंजीपतियों की सरकार है?

प्रार्थी :
जितेन्द्र कुमार ज्योति
आम नागरिक


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