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18.3.17

अमरिंदर सिंह की रंगीन मिजाजी और पाकिस्तान की आरुशा आलम

-निरंजन परिहार-

कैप्टन अमरिंदर सिंह गजब के शौकीन आदमी हैं। और शौक की अपनी कोई आचार संहिता नहीं होती। लोकलुभावन जलवे बिखेरनेवाले किसी बहुत बड़े फिल्म अभिनेता को लजीज खाना बनाने का शौक हो सकता है, और दुनिया भर को योग सिखानेवाला कोई संत नोटों में खेलने का शौकीन हो सकता है। तो फिर 75 साल के किसी बूढ़े आदमी को एक अत्यंत आकर्षक और बेहद हसीन मित्र रखने का शौक हो, तो किसी को कोई एतराज क्यों होना चाहिए ? यही वजह थी कि 16 मार्च 2017 को चंडीगढ़ में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, तो उस समारोह में जब टपकते सौंदर्य की मल्लिका आरुशा आलम को लोगों ने देखा, तो किसी ने कोई एतराज नहीं किया। एतराज तो, बेचारी उन परणीत कौर ने भी नहीं किया, जिन्होंने कभी आरुशा आलम पर अपने पति कैप्टन अमरिंदर सिंह को छीनने का सार्वजनिक आरोप लगाते हुए कांग्रेस के दिग्गजों से अपनी गृहस्थी सहेजे रखने की गुहार लगाई थी। जलवेदार आरुशा आलम 16 मार्च को चंडीगढ़ आई थी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब में दूसरी बार सीएम बनने की खुशी उनके चेहरे पर कैप्टन से ज्यादा दिख रही थी। दिखे भी क्यों नहीं। आखिर इतने दूर पाकिस्तान से वह तो उस समारोह में भीतर तक खुश होने और उस खुशी को सहेजने के लिए ही तो आई थीं।




वैसे, कैप्टन अमरिंदर सिंह अब फिर से मुख्यमंत्री बने हैं तो उनके जीवन के किस्सों का भी फिर से प्रकट हो जाना बहुत सहज बात है। जीवन की मुश्किलों, के पहलुओं और उनके राजनीतिक सफर पर तो बहुत कुछ वैसे भी लिखा ही जाना था। लेकिन आम तौर पर ऐसे बड़े अवसरों पर लिखनेवाले लोग अंतरंग पहलुओं की कहानियों में से बहुत कुछ जानबूझकर दबा ढंका रखते हैं। और, राजनीति में गड़े मुर्दे अकसर तब फिर से जोर मारते हैं, जब उनका कोई उचित समय आता है। लेकिन यहां तो खुद अमरिंदर सिंह ने ही दुनिया को अपने शौक के किस्सों और उन किस्सों के हिस्सों को बिखेरने का अवसर दे दिया। उन्हीं के आमंत्रण पर आरुशा आलम चंड़ीगढ़ उनके शपथ ग्रहण के जलसे में शामिल होने आई थी।   दरअसल, पटियाला नरेश कैप्टन अमरिंदर सिंह की जिंदगी की किताब के बहुत सारे अध्यायों में से एक अध्याय आरुशा आलम  के साथ उनके रसिक प्रसंगों का भी है, आखिर राजा जो ठहरे।

कुछ साल पहले की पंजाब सरकार की सरकारी फाइलों पर भरोसा करे, तो मुख्यमंत्री के रूप में प्रकाश सिंह बादल की सीआईडी ने एक फाइल गृह मंत्रालय को भेजी थी। जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह की एक बहुत हसीन पाकिस्तानी पत्रकार मित्र अरूशा आलम के बारे में बहुत सारी अलग अलग किस्म की जांच और जानकारियां थी। अरूसा आलम की मां पाकिस्तान के सैनिक शासक याहिया खां की लंबे समय तक अंतरंग मित्र रहने के बाद कुछ समय तक जुल्फिकार अली भुट्टो की भी बेहद अंतरंग मित्र रहीं। अपनी आकर्षक देहयष्टि और पराक्रमी आभामंडल से अर्जित राजनीतिक प्रभाव के कारण वह रानी जनरल के नाम से कुख्यात होने की हद तक विख्यात थी। उन रानी जनरल के सौंदर्य से लकदक बेटी अरूशा मशहूर गायक अदनान सामी की मौसेरी बहन हैं और दो बेटों की मां आरुशा के बारे में कहा जाता है कि आईएसआई के कई बड़े अधिकारियों से भी उनका संपर्क रहा है। पंजाब की सीआईडी ने जब केंद्र को पत्र लिखे थे, उन दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह की यह बेहद हसीन मित्र पाकिस्तान में पत्रकार थीं और भारत के एक निर्वाचित राजनेता के साथ उसकी अंतरंगता निस्संदेह संदेह का विषय माना गया था। संदेह इसलिए किया गया, क्योंकि अंतरंगता का आलम कुछ ज्यादा ही गहराई तक गहराया हुआ था। अरूशा अब भी हंगामा करने लायक हसीन दिखती हैं, तोब तो कितनी खूबसूरत रही होंगी, जब रसिया पटियाला नरेश अपने पिछले मुख्यमंत्री काल में हिमाचल की वादियों में उनके साथ हनीमून की मुद्रा में घूम कर आए थे। परवेज मुशर्रफ जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति हुआ करते थे, तो अरूशा वहां उनके भी सबसे करीबी लोगों में थी। अटलजी के जमाने में जब मुशर्रफ भारत यात्रा पर आए थे, तब अरूसा अधिकारिक रूप से उनके साथ भारत यात्रा पर आए पत्रकारों के दल में शामिल थी। लेकिन इसे महज संयोग तो कैसे मान लिया जाए कि बाकी पत्रकार तो अलग जगह पर रहे थे और अरूशा दिल्ली में पंजाब सरकार के महल कपूरथला हाउस अतिथि गृह में ठहरीं थी। और फिर यह तो बिल्कुल संयोग कतई हो ही नहीं सकता था कि उसी दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह भी दिल्ली में ही हाजिर रहें। आप भले ही इन सब तथ्यों को निरापद संयोग मानकर भले ही खारिज कर दें, लेकिन अमरिंदर सिंह की पत्नी रानी परणीत कौर की उस शिकायत का क्या किया जाए, जो उन्होंने अपने बूढ़े होते पति के प्रेम प्रसंगों को शिकायती अंदाज में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं से करते हुए अरुसा आलम के बारे में बहुत विस्तार से जानकारी दी थी। अमरिंदर सिंह की पत्नी रानी परणीत कौर की यह शिकायत पानेवालों में उस जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह भी थे, जो कायदे से अमरिंदर सिंह के सगे बहनोई हैं। कहते हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ साल पहले जन्मदिन पर पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक शानदार महल खरीदवाकर आरुशा को भेंट किया है और अब भी वह उसी में शान से रहती हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी रानी परणीत कौर उन दिनों बाकायदा कांग्रेस की माननीय सांसद थी। लेकिन कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने एक बूढ़ी सांसद की विरह वेदना की तरफ भी कोई ध्यान नहीं दिया। पंजाब सीआईडी ने मांग की थी कि अमरिंदर सिंह और अरूसा आलम के संबंधों की सीबीआई से गहन पड़ताल करवाकर अमरिंदर सिंह के खिलाफ देशद्रोह और आफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया जाए। वैसे,  इन देशद्रोह और आफिशियल सीक्रेट एक्ट जैसे अपराधों में फांसी से ले कर उम्र कैद तक की सजा है। लेकिन अब, तो खैर कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में हमारे सामने हैं। तो पंजाब सीआईडी की उस शिकायत के क्या मायने रह गए हैं, यह सभी जानते हैं। लेकिन अरुशा आलम का जलवा इतने सालों बाद भी इतना जोर मारेगा कि पटियाला नरेश कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने शपथ ग्रहण समारोह में भी उन्हें मेहमान के रूप में बुला लेंगे, यह कोई नहीं जानता था। जानेंगे भी कैसे, मामला आखिर दिल का है। और दिल का शौक अगर दिलदार होना ही है, तो फिर अमरिंदर सिंह तो उसी शौक के शौकीन हैं, सो कोई उनका क्या बिगाड़ लेगा !


(लेखक निरंजन परिहार राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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