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8.10.17

चुनावी करवा चौथ की रौनक


देश भर में छुट्टी का माहौल है. वैसे भी आज दिन में ही चांद का दीदार हो गया।  आज  सूरज की तेज रोशनी भी , चांदनी जैसी हुस्न की चमक को फीका न कर पाया। मेहँदी की चमक, चेहरे पर दमक और चूड़ियों की खनक ने आज सुबह से ही दिल ओ दिमाग को उलझाए से रखा. सुबह-सुबह व्रत शुरू करने के वक्त हलकी -हलकी ठंड थी. सारे दिन प्लैनिंग दिमाग़ में हो रही थी कैसे क्या करना है। आज का दिन साल भर के लिए खास होता है तो ज्यादातर  दिनचर्या की समय सारणी में बदलाव होना तय थे. ऊपर से आज रविवार था - शहरी और ग्रामीण दोनों ही तरफ की महिलाओं के सारे के सारे कामकाज में बदलाव था. जिनके आधार पर परिवार के बाकि सदस्यों ने भी पहले से प्लान तैयार किए हुए थे।  लेकिन जब सुबह की थोड़ी सी ठंडक में दिनभर का सोच-विचार कर, पैमाना तैयार किया तो दोपहर होते-होते सियासी गर्माहट बढ़ गई. फिर क्या था। टीवी के सामने से किसी का मन नहीं था - छोड़ा जाए।  क्यूंकि उसवक्त चुनावी करवा चौथ शुरू हो गया था।  दो राज्यों में उपचुनाव 11 अक्टूबर को है और दोनों ही राज्यों के नेता भी लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हुए है। दिन-रात जीत की दुआ अपने-अपने भगवान् से मांग रहे है।


ये दौर भी करवाचौथ के व्रत से कम नहीं।एक दिन चुनाव प्रचार के लिए रह गया है- भौर से ही नेता लोग भूखे प्यासे मैदान-ए-जंग में जुटे हुए थे। सबके लिए प्रतिष्ठा का  सवाल बना हुआ है। लोकसभा सीट जो किसी दुल्हन से कम नहीं उसको पाने के लिए उम्मीदवार उपवास करके प्रचार कर रहे हैं. भूख नींद सब भूल चुके हैं. और चुनावी करवा चौथ मनाने में व्यस्त है।

बात पंजाब की करें तो यहाँ सत्ता में बैठी कांग्रेस के दूल्हे राजा सुनील जाखड़ विजय होने की बात कह रहे है।  पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और भी पंजाब कांग्रेस के कई बढ़े नेता करवाचौथ का व्रत रखे हुए हैं, सुनील जाखड़ की जीत के लिए दुआ मांगते हुए जनजनार्धन के दरबार पर हाज़िरी लगा रहे है।  चुनाव प्रचार कर रहे है।
वहीँ भाजपा-अकाली के उम्मीदवार स्वर्ण सालरिया भी अपने करवा चौथ के व्रत को पूरा करने के लिए हर छोटी-छोटी बात पर अमल कर रहे है. भाजपा-अकाली कदम से कदम मिलाते हुए चुनावी करवाचौथ व्रत के विधि-विधान में लगे हुए हैं. इसी बीच पंजाब की आम आदमी पार्टी अभी नयी दुल्हन है जो अपने तौर तरीके से चुनावी करवाचौथ के कामकाज-कर रही है।  न ही अबके चुनाव में दिल्ली मायके से कोई प्रचार के लिए आया , न ही कोई उपहार आया।  ऐसे में अकेले ही चली हुई है  गुरदासपुर उपचुनाव के उम्मीदवार सुरेश खजुरिया के हक़ में।  लेकिन उसे अभी ज्यादा ज्ञान भी नहीं है पूजा के सामान का।

चुनावी करवाचौथ में एक-दूसरे के श्रृंगार, गले के हार और सलवार-सूट या साड़ी पर भी नज़र है। खुद ही खुद के मंच से एक दूसरे से चुनावी करवाचौथ के पहले के पहनावे को बताया जा रहा है. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी बरकार है. इन दिनों कई जगह नेता भी एक-दूसरे पर लांछन लगाने में पीछे नहीं है। चुनाव प्रचार के दौरान जनता के बीच जाकर गड़े मुर्दे भी उखाड़ रहे हैं.

चुनावी करवाचौथ की पूजा में बैठने का वक्त है और सुनील जाखड़ को बाहरी बताया जा रहा है।  भाजपा-अकाली की ऊपर चौथ का चन्द्रमा ग्रहण बना हुआ है, अकाली नेता लंगाह पर  बदचलन होने के आरोप  के आरोप लगे तो स्वर्ण सलारिया पर भी 2014 का मामला आग पकड़ने लगा. ऐसे में करवाचौथ की पूजा की ज्योति की लो सुनील जाखड़ की थाली में जगने लगी है. क्यूंकि आप के उम्मीदवार सुरेश खजुरिया अभी पहला दफा चुनावी करवा चौथ के व्रत की पूजा में है तो उनकी तरफ हवा का बहाव दिखा नहीं, उस और ऑक्सीजन की कमी ज्योति को जलाए रखने के लिए पहले से ही कम लग रही है। 

जो भी है...पतिव्रता स्त्री की तरह या नई बॉयफ्रेंड को गर्ल फ्रेंड की अदा -  कांग्रेस, भाजपा और आप के उम्मीदवार भी कोई कमी नहीं छोड़ रहे है। क्यूंकि अब जलवा दिखाने का वक्त है  तो किसी से कम कोई नहीं खुद को आंक रहा।  आंके भी क्यों व्रत तो जारी है अब जनता किसकी पूजा से खुश होती है , और किसका करवा फूटता है यह जनता जनार्धन ही तय करेगी , जिसकी पूजा का फल 15 अक्टूबर को होगा।   

सुनील कुमार हिमाचली
युवा पत्रकार
9501625450

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