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20.1.18

कश्मीर की समस्या दिल्ली की देन


आज़मगढ़। 28 साल पहले कश्मीर से हिंदुओं के पलायन के दर्द पर शहर के रोडवेज़ समीप स्थित  एक सभागार में राष्ट्रीय विचार मंच द्वारा विस्थापित कश्मीर विषयक वैचारिक सम्मेलन किया गया।  इसमें वीर  बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर  के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है दुनिया की कोई ताकत भारत से अलग नहीं कर सकती। विस्थापित कश्मीर की बात विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में उठना राष्ट्रीय एकता की सोच को प्रदर्शित करता है।कश्मीर मुद्दे के लिए पूरे देश को एक जुट हो कर आवाज उठानी होगी। इस आवाज के सामने देश की विरोधी ताकतें हार जाएगी।उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या से देश का बड़ा वर्ग अनभिज्ञ है। कश्मीर को भारत से जो लोग अलग करने की सोचते है आने वाले समय मे ऐसा वातावरण बन रहा है कि वो खुद दुनिया से अलग हो जायेगे। हमने असम की समस्या को दूर किया है आज जम्मू कश्मीर के लोगों को आभास करना होगा कि पूरा हिंदुस्तान उनके साथ है ।

कश्मीर अध्ययन केंद्र के अरुण कुमार ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर के वास्तविक चित्र को लोगों के सामने लाना होगा। इसके साथ ही इस चित्र को बदलना है कि कश्मीर अलगाववादी राज्य है।आज से 28 साल पहले  1990 में कश्मीर के हिंदुओं के साथ भारत का पलायन हुआ था।जिस दिन देश का हर नागरिक वहाँ जाना तय कर लेगा यह समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति बदल रही है।जम्मू कश्मीर के लोग सुरक्षा कर्मियों के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे है। कश्मीर की समस्या कश्मीर से नहीं बल्कि दिल्ली से  है। लंम्बे समय तक दिल्ली में बैठे लोगों ने जम्मू कश्मीर के वास्तविक दर्द को नहीं समझा। आज 17 लाख लोग आतंकवाद के कारण अपने घरों को छोड़ पलायित हुए। आज पूरे देश को जम्मू कश्मीर के देशभक्त जनता के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के गठजोड़ से दुनिया चिंतित ह।  पाक अधिकृत कश्मीर ही  इसका मुख्य कारण है। पाक अधिकृत कश्मीर भारत को वापस मिलना चाहिए इसके लिए दुनिया के देश भारत के साथ आ रहे हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के पूर्व महासचिव पुष्पेंद्र
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं की समस्या के लिए पूरा देश जिम्मेदार है। हमारे देश में बहुत सारे लोग रोहिग्या मुसलमानों के लिए आवाज उठाते है फिलिस्तीनियों की बात करने है लेकिन अपने देश के कश्मीरी विस्थापितों की आवाज नहीं उठातें।भारत में एक अनसीन पाकिस्तान है। देश के युवाओं को एक सुनियोजित मुहिम के तहत भ्रमित किया जा रहा है। बुद्धजीवी आतंकवादियों को हम परास्त नहीं कर पा रहे है।आज राष्ट्र धर्म को सबसे उपर समझ कर यह विचार करना पड़ेगा कि दिल्ली में बैठे वो कौन लोग है जो देश के टुकड़े की बात करते है। संचालन डॉ कौशलेंद्र विक्रम मिश्र एवं विषय प्रवर्तन सिद्धार्थ सिंह ने की।इस अवसर पर डॉ कन्हैया सिंह, शतरुद्र प्रताप, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ बद्री नाथ श्रीवास्तव, प्रवीण सिंह, डॉ माधुरी सिंह, डॉ दुर्गा प्रसाद अस्थाना, डॉ रवि प्रताप, डॉ सुभाष सिंह, ब्रजेश यादव, लीना मिश्र, पूनम सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।




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