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9.2.19

पुराना शिकारी नया जाल लाया...(तलाक़-ए-सलासा पर कांग्रेस की नई चाल)

कांग्रेस के क़ौमी सदर राहुल गांधी जी के(अगर हुक़ूमत आयी तो तलाक़-ए-सलासा पर बने कानून पर पाबंदी आएद कर दी जाएगी) कि मंज़रे आम पर पुरज़ोर मज़म्मत करता हूँ...इसके साथ साथ एक बात की वज़ाहत भी कर दूं कि मरकज़ी भाजपा हुक़ूमत की मंशा शरीयत में दखांदाज़ी नही बल्कि तहफ़्फ़ुज़-ए-शरीयत है और ये बात पार्टी के क़ौमी सदर आली जनाब अमित शाह जी अपनी तक़रीर में वाज़े भी कर चुके हैं...एवान-ए-पार्लियामेंट में पास हुए तलाक़-ए-सलासा ऑर्डिनेंस का मक़सद शौहर को अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास कराना है...ताहम क़ौमी सदर जनाब अमित शाह साहब ने इस बात की भी ताईद की है कि घरेलू इख़्तेलाफ़ मुफ्तियाने इक़राम की मौजूदगी में शरीयत की रोशनी में हल किये जायें जिससे अदलिया नव्य्यात से बावस्ता न होना पड़े, जिसके लिए पार्टी सतही काम कर रही है...अब सवाल इस बात का है कि क़ौम के ज़िम्मेदार हज़रात,मुफ्तियाने इक़राम को ये ज़िम्मेदारी अपने हाथ में लेकर शरीयत की रौशनी में क़ौम को बेदार करें...क्या ऐसा हुआ अभी तक या हो रहा है???
राहुल गाँधी जी का बयान खुशामदी(तुष्टिकरण) की एक और सियाह इबारत लिखने पर मबनी है...अक्लियती मुस्लिम मोअशरे को कांग्रेस की इस चाल को संजीदा तवज्जो के साथ समझना होगा वरना फिर वोही कहावत नुमायां हो जयेगी..."पुराना शिकारी नया जाल लाया"...
जय हिंद
डॉ. सयैद एहतेशाम-उल-हुदा
प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक एवं वक्ता
+91 9837357723

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