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5.9.19

निलंबित TFI के भ्रष्ट तानाशाहों, व्यभिचारियों को खुला पत्र.....

भारत में इस समय बदलाव की बयार चल रही है। नई दिल्ली से शुरू हुई यह कहानी पूरे देश में देखी जा सकती है। जो कभी CBI और RBI को अपनी कठपुतली समझते थे,आज वह रहम की भीख मांग रहे हैं। जहां पूरी दुनियां पीएम मोदी की कूटनीति की कायल है, वही दुश्मन देश के राष्ट्राध्यक्षों को नींद भी नसीब नहीं हो रही...!

ऐसा ही कुछ हाल ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया(TFI/टीएफआई) का है। 1970 के दशक में जिम्मी आर जगतानिया ने दक्षिण कोरियाई इस खेल को भारत में पहुचाया... उन्होंने 1998 तक TFI को अपनी बपौती समझा। जैसा चाहा, जो चाहा वही किया...! उनको हटाना इतना आसान नहीं था, लेकिन जो नियति को मंजूर होता है वही हुआ...! ब्रह्मांड में बदलाव ही प्रकृति का नियम है।। तब चंद्रशेखर ने TFI की बागडोर संभाली और इस खेल व एथलीट्स को वह सब कुछ दिया जो उनका हक था...  खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिलने लगी, सीआईएसएफ, सेना में भर्ती शुरू हुई और आज सर्विसेज में कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए।

शायद इन खुशियों को किसी की नज़र लग गई या कोई काला साया आ गया... जी हां,काला साया...! एक बार फिर ताइक्वांडो "एक अध्यक्ष" की कठपुतली बन गया... तत्कालीन अध्यक्ष हरीश कुमार जो की एक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भी रहे,ने ताइक्वांडो को एक बार फिर निजी संपत्ति समझा... कहते हैं न बुराई है तो अच्छाई भी है, उसी तरह एक बार फिर क्रांति का आगाज़ हुआ... यह लड़ाई किसी एक की नहीं थी, बल्कि राज्यों एवं जनपदों के सचिव एवं उनके अधिकारों की थी।  जिस पर TFI अध्यक्ष हरीश कुमार दुनियां के सबसे जहरीले सांप ब्लैक कोबरा की भांति अंटी मार के बैठे थे।। जो मैंने पूर्व में कहा कि बुराई है तो अच्छाई भी है, जिस तरह भारत में ताइक्वांडो के पितामहः जिम्मी.आर.जगतानिया का अंत हुआ उसी तरह हरीश कुमार को भी निबटा दिया गया।। देश के सभी राज्यों ने एकजुटता के साथ हरीश कुमार के दंभ को चूर चूर कर दिया...

हरीश कुमार का काला अध्याय तो ख़त्म हो गया...लेकिन आने वाले काल खंड की किसी को दूर-दूर भनक तक नहीं थी...यह हरीश कुमार और जिम्मी.आर.जगतानिया से भी भयावहता के साथ आया, जिसका नाम भी TFI के इतिहास में काली स्याही के साथ दर्ज़ एवं एक बुरे स्वप्न की तरह ही कभी याद न किया जाने वाला अध्याय होगा।।

लगभग चार साल पहले IOA भवन में जिस प्रभात कुमार को TFI को बुलंदियों पर पहुँचाने की जिम्मेदारी दी वह एक भक्षक, व्यभिचारियों की संगत वाला ही नहीं मय परिवार सहित भ्रष्ट तानाशाह निकलेगा यह किसी ने भी नहीं सोचा था।। आज वही दौर पुनः खड़ा हुआ है जो जिम्मी और हरीश कुमार के साथ था... निलंबित TFI के छुटभैये UP के लोगों को रेवड़ी वाला, होटल वाला और एक कलमवीर को उसका प्रवक्ता तक कहते हैं... यही नहीं अब तो दक्षिण के साथियों को शिक्षा माफिया ,उड़ीसा एवं गोआ का सरगना तक कहते हैं .. वह यह भूल जाते हैं कि पिछले लगभग चार सालों से जो आतंक/कोहराम उन्होंने मचाया वह उनके लिए भी एक दिन काल बनेगा... झारखंड में नक्सलियों की एक बड़ी समस्या है, जिसको देश के गृह मंत्री अमित शाह ने चुनौती दी है और उनको नेस्तनाबूद करने का प्रण लिया है।।इसी तरफ ताइक्वांडो के शुभ चिंतकों , राज्य संघों  एवं एथलीट्स ने झारखंड के उन "पापियों की लंका" को जलाने का प्रण किया है।।

पहले "त्रिमूर्ति" रही अब भाईयों की "जुगल जोड़ी" ने पिछले चार सालों में IOA, भारत सरकार व देश को गुमराह कर जमकर लूट खसोट की है, अगर इसका ऑडिट किया जाए तो जुगल जोड़ी सलाखों के पीछे होगी...! सूत्र बताते हैं कि इन्होंने पिछले लगभग चार सालों में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, रैफरी सेमिनार, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं व राष्ट्रीय ओपन के नाम पर दोनों हाथों से करोड़ों रुपये लूटे हैं... जिसका कोई हिसाब नहीं है, हास्यास्पद है कि IOA भवन में जिस TFI को चुना था उससे पृथक अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष चुन लिया।। यही है अंधेरगर्दी चौपट राजा...! झारखंड राज्य ताइक्वांडो संघ की इकाई का केस झारखंड के कमलेश पाण्डेय जीत चुके हैं।

यह केस (राज्य ताइक्वांडो संघ, झारखंड) का मामला जिला एवं सत्र न्यायालय(धनबाद, झारखंड) में चला जिसमें न्यायालय ने कमलेश पांडेय की बॉडी को संवैधानिक पाया... अब यही मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।। जिला एवं सत्र न्यायालय के आदेश से निलंबित TFI महासचिव संवैधानिक अधिकार तभी खो चुके थे, जब आप की बॉडी को न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया था।। आप राज्य इकाई के ही सदस्य या पदाधिकारी नहीं तो महासंघ के महासचिव पद पर कैसे बने रह सकते हैं...! न्यायालय ने प्रभात शर्मा की बॉडी को अवैध करार दिया था...! सूत्र बताते हैं कि झारखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में वित्तीय धांधली हुई थी,जिसमें प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।। "सुना था,अब देख भी रहे हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं"।। जल्द ही राष्ट्रीय खेलों में हुई धांधली को लेकर बड़ी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें निलंबित TFI के गुरु का निबटना तय माना जा रहा है।। गुरु के निबटने के साथ ही शातिर चेलों का ही नंबर आ सकता है...

मैं अपने सूत्रों पर विश्वास कर देश के एथलीट्स को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि इन पापियों के ताबूत में अंतिम कील ठोकी जा चुकी है।जिसका परिणाम जल्द ही सभी के सामने होगा।।

आप का अपना
प्रदीप रावत
वरिष्ठ पत्रकार (उ.प्र.)
pradeepkrawat@gmail.com



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