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3.10.19

हे राम! कैसा हो गया गांधी का देश

जहां एक तरफ़ अखण्ड भारत मोहनदास करमचंद गांधी को बापू और महात्मा कहता औऱ पूजता है वहीं समाज का एक तबका ऐसा भी है जो उन्हें देशद्रोही बताता है. सवाल तो यह है कि दुनियाभर को लोहा मनवाने वाले इस महात्मा के ऊपर अचानक इतनी टिप्पणी कैसे होने लगी. आख़िरकार यह वही व्यक्ति है जिन्होंने अफ्रीका आन्दोलन, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो, नमक आन्दोलन, असहयोग आन्दोलन आदि कई बड़े आंदोलन किए. साथ ही वैश्विक स्तर पर ओबामा से लेकर नेल्सन मंडेला जैसे दुनियाभर में गांधीवादी और गाँधी जी के भक्त भरे पड़े हैं.

वहीं दूसरी ओर उन्हीं के अपने देश भारत में उनके विषय में आज के युवाओं की जुबान पर महात्मा गांधी को लेकर गालियाँ आती है, जो स्वयं को और नाथूराम गोडसे को स्वघोषित राष्ट्रभक्त कहते हैं. विडंबना यह है कि ये वो लोग हैं, जो महात्मा गांधी की पीढ़ी या उनके बिलकुल बाद की पीढ़ी में पैदा भी नहीं हुए, वो महात्मा गांधी को गद्दार तथा देशद्रोही कहते हैं. ये वही लोग हैं जो गांधी जी को कभी पढ़ा नहीं, कभी समझने की कोशिश नहीं की.

अच्छा..! एक ख़ास बात यह भी है कि, गूगल भी विशेष अवसरों पर डूडल ग्राफिक्स बनाता है औऱ गांधी जी के विगत जयंती पर भी बनाया था, लेक़िन इस जयंती पर नहीं बनाया. इतना ही नहीं, ट्विटर पर 'गोडसे अमर रहे' ट्रेंड कर रहा था.

सवाल तो ये उठता है कि आख़िरकार ये भ्रांतियां फैला कौन रहा है? और ऐसी भ्रांतियां फैला कर भारत के युवाओं को सीखना और बताना क्या चाहता है?  एक बात स्पष्ट है, देश में कितनी भी भ्रांतियां फैल ली जाय लेक़िन महात्मा गांधी हमेशा लोगों के लिए पूजनीय रहे हैं और रहेंगे. दुख का विषय यह कि, झूठ के पुलिंदे इतने सशक्त हो गए हैं कि सत्य उनमें जाकर छिप गया है.

राजकुमार
pandey96.rajk@gmail.com

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