tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post1286331143135362291..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: दीवाने हजारों हैंयशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-78343599520495764252008-07-09T21:23:00.000+05:302008-07-09T21:23:00.000+05:30पंडित जी प्रणाम,बहुत दिनों बाद आपके हास्य से मुखात...पंडित जी प्रणाम,<BR/>बहुत दिनों बाद आपके हास्य से मुखातिब हुआ, वो ही जोश और वो ही जज्बा, एक और बेहतरीन रचना की देखिये अमित के साथ साथ मनीषा दीदी भी आपकी प्रशंशक हुई जा रही हैं. डॉक्टर साहब ने कहा था कि कवि सम्मलेन में जाओउं तो आपको गोद में उठा लूँ, मगर मेरे से आप न उठने वाले थे सो मैने इरादा छोर दिया ;-) :-P<BR/>चरण वंदन से ही काम चला लिया ;-)<BR/>जय जय भड़ास.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-23019500564712878382008-07-09T21:06:00.000+05:302008-07-09T21:06:00.000+05:30This comment has been removed by the author.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-27386113311146624282008-07-09T18:55:00.000+05:302008-07-09T18:55:00.000+05:30पंडित जी,हमारा भाई अमित लगता है कि "इक पिद्दी-सी ल...पंडित जी,हमारा भाई अमित लगता है कि "इक पिद्दी-सी लड़की के दीवाने हजारों हैं<BR/>है उम्र फक़त सोलह अफसाने हजारों हैं" पढ़ कर गुलगुला गया है मैंने देखा है प्यारे भाई अमित आपकी "बिल्लोरानी" को दादा ने मेरे सामने ही हटाया है उसे... :)हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषाhttps://www.blogger.com/profile/09572026001335138221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-91864811541013574982008-07-09T15:50:00.000+05:302008-07-09T15:50:00.000+05:30नीरव जी मुझे आपकी ये कविता बहुत अच्छी लगी मैंने पू...नीरव जी मुझे आपकी ये कविता बहुत अच्छी लगी मैंने पूरे ऑफिस में इसे पढ़कर सुनायी. क्या लिखा है इस पिद्दी सी लडकी के दीवाने हजारों है. मज़ा आ गया. और लिकते रहिये आप यों ही. <BR/>amit dwivediअमित द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/12159141532427420006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-89111736186886713562008-07-09T15:01:00.000+05:302008-07-09T15:01:00.000+05:30प्रणामलेबल तो हास्य का है ! पर है जीवन की सच्चाई !...प्रणाम<BR/>लेबल तो हास्य का है ! पर है जीवन की सच्चाई !<BR/>करारा व्यंग है व्यवस्था पर ! बधाई पंडीतजी !<BR/>"अपना ना मिला कोई बेगाने हजारों हैं।"<BR/><BR/>पंडीतजी ऐसी भी क्या नाराजी ?<BR/>आखिर ये भडासी सारे आपके ही तो हैं !<BR/><BR/>शुभकामनाएँताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com